** री-चेकिंग के बाद 10वीं तथा 12वीं का परीक्षा परिणाम बदला
भिवानी : गत दिनों परीक्षा परिणामों को लेकर चर्चा में रहा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड पेपरों में मार्किंग को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। बोर्ड द्वारा पहली बार लागू की गई री-चेकिंग में बड़े स्तर पर खामियां उजागर हुई हैं, जिन्हे लेकर बोर्ड प्रशासन से सख्त कदम उठाते हुए पेपर चेक करने वाले 42 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा है। गौरतलब होगा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड गत दिनों परीक्षा परिणामों में त्रुटियों को लेकर चर्चा में रहा था। बोर्ड द्वारा पहले 10वीं का परीक्षा परिणाम 40 फीसदी घोषित किया था, जिसे बाद में संशोधित करके 45 फीसदी किया गया था। अब री-चेकिंग प्रणाली में खामी मिली है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में 10वीं में करीब साढ़े चार हजार विद्यार्थियों ने री-चेकिंग के लिए फार्म भरे थे। बोर्ड प्रशासन के पांव तले उस समय जमीन खिसक गई, जब चेकिंग के दौरान 88 फीसदी विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम संशोधित करने पड़े। कुल 41 फीसदी छात्र ऐसे थे, जिनके अंक बढ़ गए, जबकि 46 फीसदी के कम हो गए। इसी प्रकार 12वीं में 10600 विद्यार्थियों ने री-चेकिंग के लिए फार्म भरे थे, उनमें आधे से अधिक के अंक बढ़ गए व कईयों के कम भी हो गए। इनमें भी करीब 88 फीसदी छात्रों के परीक्षा परिणाम प्रभावित हुए। दूसरी तरफ अभिभावकों ने बोर्ड पर लापरवाही का आरोप जड़ा है, जिससे बोर्ड के अधिकारी सकते में है।
री-चेकिंग में इंगलिश में 16 से 71 नंबर हुए
सूत्रों की मानें तो हिसार से संबंधित एक छात्र के अंग्रेजी विषय में 16 अंक दिए गए जो री-चेकिंग के बाद बढ़कर 71 हो गए। इसी प्रकार कैथल के एक छात्र विज्ञान में चार अंक दिए गए थे, जो बाद में बढ़कर 43 हो गए। झज्जर के एक विद्यार्थी के सामाजिक अध्ययन विषय में अंक 16 से बढ़कर 66 हो गए हैं। पेपर चेकिंग में हिसार के तीन, भिवानी के छह और मेवात और महेंद्रगढ़ के एक-एक शिक्षकों सहित कुल 42 अध्यापकों के मूल्यांकन में कमियां मिली। जिससे बोर्ड में हड़कंप मचा हुआ है। hb
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