आपराधिक कार्रवाई की मांग ठुकराई
हरियाणा में 1983 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स (पीटीआई) भर्ती खारिज करने के एकल जज के फैसले को रद्द किए जाने की मांग पर सुनवाई विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने मामले में किसी आपराधिक कार्रवाई की मांग को स्वीकार करने से फिलहाल इंकार कर दिया है।
चीफ जस्टिस सीकरी व जैन की खंडपीठ ने कहा कि एकल जज के फैसले के खिलाफ अपील पर 11 फरवरी के लिए सुनवाई विचाराधीन है। ऐसे में किसी आपराधिक कार्रवाई की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हिसार की एक्स नेवल परसोनल वेलफेयर सोसायटी की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उस समय हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन व सभी आठ सदस्यों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए। इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करनो की मांग की।
सीधे इंटरव्यू पर बुलाया
20 जुलाई 2006 को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पीटीआई के 1983 पदों के लिए आवेदन मांगे। 2007 को लिखित परीक्षा खारिज कर दी गई। 20 जुलाई 2008 को एक बार फिर लिखित परीक्षा खारिज कर दी गई। इसके बाद कुल पदों से आठ गुना उम्मीदवारों को सीधे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। दो सितंबर 2008 से 17 अक्टूबर 2008 तक उम्मीदवारों के इंटरव्यू हुए और डेढ़ साल बाद 10 अप्रैल 2010 को इसका परिणाम घोषित किया गया। याचिका में कहा गया है कि इंटरव्यू के 25 अंक तय किए गए थे जिसे बाद में 30 कर दिया गया। नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसमें फेरबदल नहीं किया जा सकता। महज चहेतों को नियुक्तिदेने के लिए मानदंड बदले गए। आरटीआई से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया कि 14 ऐसे उम्मीदवारों को इंटरव्यू में ज्यादा अंक दिए गए, जिनकी नियुक्तिके आसार नहीं थे।
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