.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Monday 4 March 2013

उच्च शिक्षा में तय होगी जवाबदेही


**उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए 19 जुलाई तक मान्यता लेना अनिवार्य
क्वालिटी एजुकेशन के लिए अब उच्च शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही का नया दौर शुरू होगा। सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय चाहे वे केंद्र या राज्य के अधीन हों या फिर सरकारी या गैर सरकारी हों, उनके लिए कानूनी तौर पर मान्यता जरूरी होगी। यूजीसी ने इसे सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए अनिवार्य कर दिया है। जो विश्वविद्यालय, कॉलेज या डीम्ड विश्वविद्यालय इसमें लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मान्यता के इस नए नियमन (रेगुलेशन) को अधिसूचित भी कर दिया है। यूजीसी उच्च शिक्षण संस्थान अनिवार्य मूल्याकंन एवं मान्यता नियमन नाम से अधिसूचित इस विनियमन के तहत अब मान्यता सर्टिफिकेट के बगैर किसी भी नए विश्वविद्यालय, कॉलेज या फिर डीम्ड विश्वविद्यालयों को चलाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। जबकि, पहले से संचालित सभी उच्च शिक्षण संस्थान जो कम से कम बीते छह वर्ष से चल रहे हैं, या फिर उनके यहां से दो बैच पास होकर निकल चुके हैं, उन्हें तय समय सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से मान्यता लेनी होगी। जिन्होंने इन मानकों को पूरा नहीं किया है, लेकिन उनके छह साल पूरे होने वाले हैं या फिर छात्रों का दूसरा बैच पास होकर निकलने वाला है, उन्हें जुलाई तक मान्यता के लिए आवेदन करना जरूरी है। 
उच्च शिक्षण संस्थानों को मान्यता के लिए यूजीसी ने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल, नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडीटेशन या फिर नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड के सर्टिफिकेट को मान्यता दी है। इन एजेंसियों से मान्यता लेने का नियम सभी सरकारी और गैर सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा। विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों समेत दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों को केंद्रीय एजेंसियों से मान्यता के आवेदन के लिए 19 जुलाई तक समय दिया गया है। यूजीसी के इस नए रेगुलेशन से उन सभी तकनीकी शिक्षण संस्थानों को छूट होगी, जो अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के दायरे में आते हैं। या फिर यूजीसी ने जिन्हें डीम्ड की मान्यता दे रखी है। 
यूजीसी के चेयरमैन प्रो. वेद प्रकाश ने दैनिक जागरण से कहा, ‘उच्च शिक्षण संस्थानों में क्वालिटी एजूकेशन सुनिश्चित करने के लिए मान्यता सर्टिफिकेट जरूरी है। इससे जहां विश्वविद्यालयों, कॉलेजों की श्रेणी, पाठ्यक्रम, उनकी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय पहचान, फैकल्टी आदि के बारे में छात्र उनके मान्यता सर्टिफिकेट से आकलन कर सकेंगे, वहीं संस्थानों की कमियों को भी दूर करने में मदद मिलेगी’। जिन उच्च शिक्षण संस्थानों के पास मान्यता सर्टिफिकेट नहीं होगा, दंडात्मक कार्रवाई के रूप में यूजीसी उनका अनुदान रोक सकता है।
                                                                                                  ....DJ



No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.