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Sunday 4 August 2013

मिड-डे मील में खीर बनाने पर रोक


बाढड़ा  : मिड- डे मील व आयरन की गोली ने शिक्षा विभाग की नींद हराम कर रखी है। भविष्य में कोई भूल न हो इसके लिए विभाग फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। विभाग ने सभी स्कूलों में आदेश जारी कर खाने में दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थों पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। इसके अलावा मामूली गलती सामने आने पर विभाग उसे तुरंत सुधारने के लिए लिखा-पढ़ी के चक्कर की बजाए सीधे मौखिक आदेश दे रहा है। एक महीने से सिर्फ मौखिक आदेश के सहारे काम चल रहा है। 
बच्चे  बीमार न होने पाए
मिड -डे मील में खाना खाने से बीमार हो रहे बच्चे  भविष्य में बीमार ना हों, इसके लिए शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से सहायता लेकर कुछ नया करने का काम किया, जिससे कुछ सुधार हो सके। शिक्षा अधिकारियों ने सभी स्कूलों में मौखिक आदेश देकर कहा कि मिड- डे मील में दूध व दूध से बना खाना न खिलाया जाए, जिसमें खीर, दही, लस्सी व पनीर शामिल है। इसके अलावा किसी बच्चे को मिठाई भी न खिलाई जाए। 
दूसरे आदेश में कहा कि प्रत्येक सोमवार को दी जाने वाली आयरन की गोली से आधे घंटे पहले बच्चे को खाना खिलाया जाना जरूरी है, बच्चा अगर 8वीं से ऊपर का है तो भी उसे मिड-डे मील से प्राप्त भोजन खिलाया जाए। खाली पेट किसी को गोली न दी जाए। अगर बच्चा  घर से खीर खाकर आया है तो उसे भी गोली न दी जाए। सोमवार को कोई बच्चा नहीं आता है तो उसे मंगलवार को आयरन की गोली दी जाए। ये सब हिदायतें शिक्षा विभाग ने जारी कर रखी हैं। 
लिखित में कुछ नहीं है
इन सब बातों पर तुरंत अमल हो इसके लिए मौखिक आदेश का सहारा लिया जा रहा है। स्कूल मुखिया यहां तक कह रहे हैं कि उन्हें लिखित में कोई आदेश नहीं मिला है। पिछले सप्ताह शिक्षा विभाग ने जारी आदेश में कहा कि प्रत्येक स्कूल का मुखिया मिड-डे मील को चैक करेगा। हिदायत के बाद अभी तक एक भी स्कूल में मिड-डे मील प्रोग्राम रजिस्टर में खाना चैक करने वाले मुखिया का नाम व खाने की क्वालिटी के बारे में कुछ भी दर्ज नहीं है। अधिकांश स्कूलों में अभी दूध खरीदा जा रहा है। अधिकांश स्कूलों में अभी भी खाना बाहर बन रहा है।...DB

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