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Thursday 26 September 2013

शिक्षा का हब बनाने के दावे कागजों में सिमटे

इन्द्री: सरकार द्वारा प्रदेश को शिक्षा का हब बना देने के दावों के बावजूद स्कूलों में सुविधाओं और स्टाफ की भारी किल्लत बनी हुई है। यदि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की ही बात करें तो जिला करनाल के कुल 80 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में से 20 में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों के 265 पद रिक्त हैं। कईं स्कूलों में लंबे समय से प्राध्यापक नहीं होने के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई को भारी नुकसान हो रहा है।
सरकार द्वारा हरियाणा को शिक्षा में नंबर वन बनाने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन स्कूलों में सुविधाओं की बात करें तो ये सारे दावे कागजी अधिक नज़र आते हैं। जिला करनाल में इस समय कुल 80 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं। इन स्कूलों में से 20 विद्यालयों में मुखिया ही नहीं हैं। इन्द्री खण्ड में ही पांच स्कूलों में प्रधानाचार्य नहीं हैं।
स्थानीय लड़कियों का वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पटहेड़ा, कलरी जागीर, खानपुर व भादसों के स्कूलों में प्रधानाचार्य का पद रिक्त होने के कारण वरिष्ठ प्राध्यापकों को स्कूल संचालन एवं प्रशासन की जिम्मेदारी दी गई है। इससे दोहरा नुकसान हो रहा है। प्रशासनिक दायित्व निभाने के कारण प्राध्यापक भी अपने शिक्षण पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते। अस्थाई जिम्मेदारियां होने के कारण वे स्कूल में सुधारीकरण के निर्णय आत्मविश्वास से नहीं कर पाते हैं। प्राध्यापकों के भी अनेक पद रिक्त हैं। अपग्रेड होकर वरिष्ठ माध्यमिक बने खानपुर के स्कूल में प्रधानाचार्य के अलावा सात प्राध्यापक के पद रिक्त हैं। कलरी जागीर व पटहेड़ा में तीन-तीन, कलसौरा में चार, खेड़ीमान सिंह में एक और इन्द्री लड़कियों के स्कूल में नौ पद रिक्त हैं। प्राध्यापकों के पद रिक्त होने के कारण विद्यार्थियों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार के साथ भला कैसे न्याय हो सकता है?
क्या कहते हैं अध्यापक संघ नेता : 
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह व जिला प्रधान बलराज का कहना है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों एवं सुविधाओं का अकाल पसरा हुआ है, जिससे जनशिक्षा का परिदृश्य अंधकारमय है। सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया व पदोन्नति की प्रक्रिया अवरुद्ध है। यदि सरकार चाहे तो रिक्त पदों को रोजगार कार्यालय के माध्यम से मेरिट के आधार पर भर सकती है।
क्या कहते हैं उपनिदेशक : 
इस बारे में माध्यमिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक जिले सिंह का कहना है कि वास्तव में स्थिति तो यही है। काफी पद रिक्त हैं। लेकिन वे इस बारे में कुछ भी बताने के लिए अधिकृत नहीं हैं। निदेशक ही कुछ बता सकते हैं।  ...dt

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