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Friday 7 February 2014

अब खेल-खेल में मिलेगी शिक्षा-दीक्षा

** अभिभावकों को भेजा जाएगा रिपोर्ट कार्ड, इसी सत्र से शुरू होगी योजना 
सरकार ने स्कूलों में खेलों के माध्यम से शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद शुरू की है। इसके लिए स्कूलों में 'मुख्यमंत्री शिक्षा दीक्षा योजना' लागू कर पहली कक्षा से 12वीं तक के विद्यार्थियों को खेलों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। योजना के तहत नई चीजों को सीखना भी विद्यार्थियों को सिखाया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों ने कितना सीखा, इसका रिपोर्ट कार्ड उनके अभिभावकों को भेजा जाएगा। योजना से बेहतर परिणाम पाने के लिए बाकायदा शिक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। कक्षा तत्परता कार्यक्रम (सीआरपी) के बाद 'शिक्षा दीक्षा योजना' के तहत पूरे वर्ष का नियोजित कार्यक्रम तैयार कर इसी सत्र से योजना की शुरूआत की जाएगी। 
जल्दी याद करने का सीखेंगे गुर : 
योजना के तहत सबसे पहले विद्यार्थियों को सीखना सिखाया जाएगा। इसके बाद विभिन्न खेलों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। इसके तहत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं सहित अन्य खेलों के साथ-साथ विभिन्न गांवों व स्थानों का भ्रमण कराया जाएगा। साथ ही नई चीजों को जल्दी व लंबे समय तक याद कैसे रखें इसकी भी जानकारी दी जाएगी। इसके लिए किताबों की बजाय व्यवहारिक व गुणात्मक ज्ञान पर विशेष ध्यान देने का दावा विभाग द्वारा किया जा रहा है। योजना को पूरी तरह लागू कर बेहतर परिमाण हासिल करने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि शिक्षक बेहतर तरीके से विद्यार्थियों को जानकारी दे सकें। शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए मास्टर टे्रनर से मदद ली जाएगी। मास्टर टे्रनर शिक्षकों के ज्ञान का स्तर मापेंगे। उसी आधार पर ही उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों की रूचि सीखने में पैदा करने की जानकारी भी शिक्षकों को दी जाएगी। 
चुनौती: पाठ्यक्रम समय पर पूरा कराना चुनौती 
वर्षभर योजना के तहत खेलों व अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से ज्ञान देने के साथ ही समय पर पाठ्यक्रम पूरा कराना भी शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती होगा। सरकारी शिक्षातंत्र के ढुलमुल रवैये तथा समय पर किताबें नहीं पहुंचने के कारण पहले भी सिलेबस पूरा नहीं होने पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में सालभर में व्यवहारिक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों व अध्यापकों का समय खेलों व अन्य गतिविधियों में बीतने के बाद कक्षा में पाठ्यक्रम को पर्याप्त समय देकर पूरा कराने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। गत् वर्ष शुरू किए गए डेढ़ माह के सीआरपी कार्यक्रम से पढ़ाई प्रभावित होने की बात कहकर कुछ लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए थे। 
इसी सत्र से लागू होगी योजना: डीईओ 
सीआरपी कार्यक्रम के व्यवहारिक ज्ञान के बाद विद्यार्थियों में गुणात्मक ज्ञान के लिए शिक्षा दीक्षा योजना को शुरू किया गया है। योजना को इसी सत्र से लागू किया जाएगा। इसके लिए मास्टर ट्रेनर निर्धारित करने तथा योजना को अंतिम रूप देने पर कार्य किया जा रहा है। संगीता, जिला शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी।                                                           dbrwd

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