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Sunday 13 April 2014

स्कूलों की विज्ञान लैब से करोड़ों खर्च कर हटेंगे जाले


** विज्ञान प्रयोगशालाओं को सुधारने के लिए प्रदेश के हर सरकारी स्कूल को मिलेंगे 25 हजार रुपए
प्रदेश के सरकारी स्कूलों की विज्ञान प्रयोगशालाओं में लम्बे समय से बने जाले अब हटाए जाएंगे। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक प्रवृति को बढ़ावा देने के लिए प्रयोगशालाओं में विज्ञान प्रयोग के लिए उपयोग होने वाले नए उपकरण व अन्य प्रयोग सामग्री का प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों पर 10 करोड़ 83 लाख की राशि खर्च करने जा रहा है। साइंस लैब में उपकरण की खरीद के लिए निदेशालय ने जिला मुख्यालय को आदेश जारी कर दिए है । 
शिक्षा विभाग ने जिले के सभी राजकीय उच्च विद्यालय और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को 25 हजार रुपये की राशि जारी की है। 
यह राशि सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से सभी स्कूलों के मुखिया को मुहैया करवाई जाएगी । जिसे वे साइंस लैब में लिए उपयुक्त उपकरण सामग्री खरीद सकेंगे । इसमें उन उपकरणों व सामग्री को प्राथमिकता दी जाएगी जिनकी जरूरत विद्यार्थियों को प्रतिदिन प्रयोगशाला में सर्वाधिक रहती है । निदेशालय ने इस बारे में भी सख्त आदेश दिए है कि इस राशि का प्रयोग विद्यालय के हैड मास्टर या प्रधानाचार्य उपकरण खरीदने के अलावा किसी अन्य कार्य के लिए नहीं कर सकते है ।  
21 जिलों के 1083 स्कूलों को दी जाने वाली इस धन राशि से पानीपत के 34 सोनीपत के 66, जींद के 46 और करनाल 118 स्कूलों को लाभ पहुंचेगा।हिसार के 62 स्कूलों को मिलेगी एक-एक लाख रुपये की राशि 
प्रदेश के 1083 स्कूलों के लिए 10 करोड़ 83 लाख रुपये की राशि जारी की गई है । इसमें हिसार जिले के 62 स्कूलों के लिए एक एक लाख रुपये की राशि जारी की गई है । यह राशि उन स्कूलों को दी गई है जिनकी विज्ञान प्रयोगशालाएं बेहतर स्थिति है । वहां उपकरण खरीदने के लिए अतिरिक्त राशि जरूरत की गई है। ताकि सरकारी प्रयोगशालाओं को निजी स्कूलों से बेहतर बनाया जा सके 
विद्यार्थियों में वैज्ञानिक प्रवृति को बढ़ावे के प्रयास 
जिला परियोजना संयोजक नीता अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा विभाग ने यह फैसला सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की विज्ञान विषय में रुचि बढ़ाने के लिए किया है । इससे विज्ञान प्रयोगशाला के लिए उपकरण व सामग्री खरीदकर विद्यार्थी बेहतर प्रेक्टिकल कर पाएंगे । जिससे उन्हें वैज्ञानिक प्रवृति को बढ़ावा मिलेगा । विद्यार्थी छोटी उम्र में ही खोजी प्रवृति की तरफ अग्रसर होंगे ।                                                   dbhsr

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