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Saturday 19 April 2014

शिक्षकों के लिए खुला शोध प्रोजेक्ट का पिटारा

** लघु शोध प्रोजेक्ट के लिए शिक्षकों को पैसे देने वाली प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी 
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शोध कार्य को बेहतर बनाने के लिए शोध प्रोजेक्ट का पिटारा खोल दिया है। जिसके चलते अब केयू के सभी शिक्षक शोध प्रोजेक्ट पर काम कर पाएंगे। इतना ही नहीं केयू प्रशासन ने इस साल शोध प्रोजेक्ट के लिए दी जाने वाली राशि को भी दोगुना कर दिया है। पिछले साल जहां यह राशि 25 लाख रुपए थी। 
वहीं इस बार इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख किया गया है। ताकि अधिक से अधिक शिक्षक लघु शोध प्रोजेक्ट योजना से जुड़कर बेहतर शोध कार्य कर सकें। इसके लिए केयू प्रशासन की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। 
इसमें सभी शिक्षकों से लघु शोध कार्य के लिए प्रोजेक्ट मांगे गए हैं। ताकि समय रहते शिक्षकों के शोध प्रोजेक्ट को चयनित कर उस पर कार्रवाई शुरू हो सके। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी प्रदेश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है जोकि लघु शोध प्रोजेक्ट के तहत अपने पास से शिक्षकों को इतना पैसा दे रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केयू प्रशासन और शिक्षक शोध के स्तर को इस योजना से कितना ऊपर उठा पाते हैं। 
शोध को बढ़ावा देना प्राथमिकता 
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. डीडीएस संधू ने कहा कि शोधकार्य को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि शोधकार्य किसी भी यूनिवर्सिटी का आइना होता है। इसी से शिक्षा की गुणवत्ता का भी पता चलता है। डॉ. संधू ने कहा कि उनका प्रयास है कि शोधकार्य के लिए अधिक से अधिक पैसा शिक्षकों को दिया जाए। ताकि वे बेहतर प्रोजेक्ट पर काम करें। इससे पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का नाम रोशन होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी उनका प्रयास रहेगा कि शोधकार्य को बेहतर बनाया जाए। 
शोधकार्य होगा बेहतर 
केयू शिक्षक संघ कुटा के सचिव डॉ. अवनीश वर्मा ने कहा कि लघु शोध प्रोजेक्ट की राशि बढऩे से अधिक शिक्षकों को शोध प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका मिलेगा। इससे शोधकार्य भी बेहतर होगा। उन्होंने बताया कि शोध प्रोजेक्ट के आधार पर शिक्षकों को एक लाख रुपए तक की ग्रांट मिलेगी। पूर्व कुटा सचिव डॉ. परमेश कुमार ने कहा कि लघु शोध प्रोजेक्ट के माध्यम से केयू शिक्षक शोधकार्य में और अधिक रुचि ले पाएंगे। वहीं केयू प्रशासन का शोध कार्य में यूनिवर्सिटी को सबसे बेहतर बनाने का विजन भी पूरा हो पाएगा। डॉ. परमेश ने बताया कि कई शिक्षकों के पास शोध के बेहतर प्रोजेक्ट हैं। फंड उपलब्ध ना होने के कारण शोध प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाता था। अब इस तरह के सभी शोध प्रोजेक्ट पर बेहतर काम होगा। 
इस बार सबके लिए योजना 
केयू शिक्षक संघ के प्रधान डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि पिछले साल तक लघु शोध प्रोजेक्ट का पैसा केवल टीचिंग डिपार्टमेंट के शिक्षकों को ही मिल पाता था। वहीं इसमें सेल्फ फाइनेंस शिक्षकों को भी शामिल नहीं किया जाता था। इस बार लघु शोध प्रोजेक्ट योजना को कुटा के प्रयासों से केयू में शिक्षण कार्य कर रहे सभी शिक्षकों के लिए लागू करवाया गया है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि सभी शिक्षकों को शामिल करने को लेकर कुटा प्रतिनिधिमंडल केयू वीसी से मिला था। जिसके बाद केयू वीसी ने भी सभी शिक्षकों को इसमें शामिल करने पर सहमति जताई। जिसके चलते प्रोजेक्ट के लिए खर्च करने वाली राशि को भी दोगुना कर दिया है। डॉ. अनिल गुप्ता ने कहा कि केयू प्रशासन का शोध के स्तर को बढ़ाने का यह प्रयास सराहनीय है।                                                    db

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