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Saturday 19 April 2014

छात्र डीटीएच शिक्षा की सुविधा से वंचित

** बिजली कनैक्शन के अभाव में खराब पड़ी हैं डीटीएच मशीन, छात्र परेशान
नांगल चौधरी : विद्यार्थियों को सरल व मनोरंजन युक्त शिक्षा देने के मकसद से विभाग ने स्कूलों में डीटीएच शिक्षा प्रणाली लागू कर रखी है, लेकिन देखरेख के अभाव में अधिकांश एजुसेट मशीनें खराब पड़ी हैं। इसके चलते विद्यार्थी विभागीय सुविधा एवं आधुनिक शिक्षा पद्धति से वंचित हैं। 
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग द्वारा 2007 में प्राइमरी,मिडिल,हाई स्कूल व वरिष्ठ विद्यालयों को करीब 169 डीटीएच सिस्टम उपलब्ध करवाए थे। इनमें रंगीन टेलीविजन,दो बैटरी, इनवेटर, रिसीवर व एंटीने समेत कई उपकरण शामिल हैं। सिस्टम का कनैक्शन विभाग के पंचकुला मुख्यालय से जोड़ा गया है। छोटे बच्चों का रूझान टीवी के कार्टून चैनलों की ओर अधिक रहता है। उनकी रूचि के मुताबिक प्राइमरी स्तर के बच्चों के लिए कार्टून कक्षाओं की व्यवस्था की गई है। 
प्रसारण कक्ष में कार्टूननुमा अध्यापकों द्वारा विभिन्न विषयों को सरलता पूर्वक समझाया जाता है। इसके बाद छात्रों से प्रश्नों के उत्तर पूछे जाते हैं और स्कूल के छात्रों को क्रमानुसार सवालों के जवाब देने होते हैं। 
इस दौरान संबंधित विषय के अध्यापक द्वारा उनके उत्तरों का मूल्यांकन करने का प्रावधान है। मिडिल व अन्य अपर स्कूलों के छात्रों को भी सभी विषयों के रोजाना एक-एक पाठ एजुसेट सिस्टम द्वारा पढ़ाया जाता है। 
विभाग का तर्क है कि साधारण कक्षा में विद्यार्थियों का दिमाग स्थिर नहीं रहता है। इस दौरान अधिकतर छात्र अध्यापक को अनसुना कर देते हैं। इसके चलते वे शिक्षा में पिछड़ जाते हैं, जबकि टेलीविजन के प्रोग्रामों को वे पूरी लग्न व एकाग्रिचित होकर देखते हैं। इसलिए विभाग ने टीवी द्वारा लाइव शिक्षा देने की योजना बनाई है।बिजली व तकनीक व्यवस्था से परेशानी 
इस संदर्भ में बीईओ का चार्ज संभाल रहे डिप्टी डीईओ ब्रिजेश यादव ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में डीटीएच मशीन लगाने व तकनीकी खराबी के सुधारने की जिम्मेवारी एक निजी कंपनी को दी गई है। कई मशीनें तकनीक खराबी के कारण बंद पड़ी हैं। कुछ स्कूलों के बिजली कनैक्शन बिल भुगतान नहीं होने के कारण कट गए हैं। जिन स्कूलों के बिजली कनैक्शन कटे हैं उनकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। जल्द ही विद्युत सप्लाई बहाल होने की उम्मीद है। तकनीकी खराबी की सूचना कंपनी इंचार्ज को तत्काल पंजीकृत करवा दी जाती है। किंतु समाधान नहीं होने से परेशानी हो रही है। 
शोपीस बने हैं अधिकांश सिस्टम
डीटीएच शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों को बिजली किल्लत का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए विभाग द्वारा स्कूलों को बैटरी व इनवेटर उपलब्ध करवाए गए थे। इसके अलावा स्कूलों को बिजली कनैक्शन दिए गए हैं, लेकिन बिल भुगतान नहीं होने से कई संस्थाओं के कनैक्शन विभाग ने पीडीसीओ कर दिए हैं। इसके चलते आधे से अधिक डीटीएच मशीनें स्कूलों में शोपीस साबित हो रही हैं। 
दो लाख से अधिक बजट प्रतिमाह खर्च 
विभागीय निर्देशानुसार खंड की स्कूलों में चौकीदार नियुक्त किए गए हैं। विभाग द्वारा इन्हें 2.53 लाख से अधिक बजट प्रतिमाह इन्हें बतौर मानदेय दिया जाता है ताकि रात के समय चोरों की सेंधमारी को रोका जा सके, लेकिन मुरारपुर,ईकबालपुर नंगली,ढाणी खातियान समेत कई स्कूलों की डीटीएच चोरी हो गई हैं। इसके चलते संबंधित स्कूल के छात्र आधुनिक शिक्षा पद्धति से वंचित हैं।                                                   dbnrnl

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