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Tuesday 5 August 2014

पीआरटी भर्ती : 9870 पदों के लिए भावी अध्यापकों को सता रहा आचार सहिंता का डर

** दो साल बाद भी अगर-मगर के फेर में सरकार  
खरखौदा : प्रदेश में मेवात जिले सहित 9870 पदों के लिए वर्ष 2012 में शुरू हुई प्राथमिक अध्यापक (पीआरटी) भर्ती का रिजल्ट साक्षात्कार होने के बाद भी अगर-मगर के भंवर में फंसा हुआ है। पिछले दो से ढाई वर्ष से इंतजार करने वाले भावी अध्यापकों को विस चुनाव का डर सताने लगा है। 
उन्हें आशंका है कि कहीं चुनाव का बिगुल बज जाए और जेबीटी भर्ती अटक जाए। बता दें कि फिलहाल इस भर्ती पर दो केस चले हुए हैं। दोनों ही केसों में सरकार को हिदायतें मिली हैं कि रिजल्ट घोषित किया जा सकता है, लेकिन ज्वाइनिंग अंतिम आदेश आने तक नहीं कराई जा सकती। जो स्थिति आज है वही स्थिति लोक सभा चुनाव से पहले थी, लेकिन इस कशमकश में करीब 23 हजार भावी अध्यापकों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। इस संबंध में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराध्ीन है जैसे ही कोर्ट से हिदायत मिलेगी तो अध्यापक भर्ती बोर्ड रिजल्ट घोषित कर देगा।
रिजल्ट की आस, रिश्ते में भी हो रही है देरी 
पिछले दो वर्ष से जेबीटी भर्ती चली हुई है। हजारों आवेदकों ने साक्षात्कार दिया हुआ है, जिसमें बहुत से लड़के लड़कियां ऐसे हैं, जिनका रिश्ता भी इस रिजल्ट पर अटका हुआ है। परिवार चाहते हैं कि रिजल्ट घोषित होने के बाद नौकरी लग जाएगी तो वे अपने लड़की लड़कों के लिए नौकरी लगे हुए वर वधू मिल सकती है। इस रिजल्ट के लिए हजारों परिवार भावी अध्यापक लंबे अर्से से इंतजार में हैं। 
भर्ती से पहले ही होनी चाहिए थी जांच 
जेबीटी भर्ती पर चले हुए एक केस में याची का कहना है कि भर्ती से पहले ही सभी दस्तावेजों की जांच की जानी चाहिए ताकि बाद में पात्र नियुक्ति धारकों के कोई परेशानी हो। इस केस में कोर्ट ने सरकार को हिदायत दी है कि सरकार बेशक रिजल्ट घोषित करे, लेकिन ज्वानिंग कराने से पहले सभी दस्तावेजों की अच्छे से जांच करे ताकि भर्ती पर किसी तरह का कोई सवाल उठंे। दूसरे केस में याची का कहना है कि जिस दौरान सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू की उस दौरान एचटेट नहीं लिया तो भर्ती प्रक्रिया के दौरान हुए सीटेट एचटेट पास को शामिल किया जाए। इस केस में भी कोर्ट ने हिदायत दी है कि बेशक सरकार रिजल्ट घोषित करे, लेकिन अंतिम आदेश से नियुक्ति नहीं दी जाएगी। 
सरकार चाहे तो ये भी हो सकता है 
विशेषज्ञों के मुताबिक रिजल्ट पर रोक नहीं है, सरकार चाहे तो दो मैरिट सूची बना रिजल्ट घोषित कर सकती है। जिसमें एक सूची केस डालने वाले सीटेट एचटेट आवेदकों को शामिल करके दूसरी सूची उनके शामिल किए बगैर। जैसा बाद में कोर्ट फैसला सुनाएगा वही सूची मान्य कर ली जाए। जिन आवेदकों को इन दोनों मैरिट सूचियों में नाम आने वाले अध्यापकों की अगर न्यायालय अनुमति दे तो उनकी ज्वाइनिंग प्रक्रिया व्यवस्था कर अंगूठा मिलान के साथ उनकी ज्वाइनिंग भी कराई जा सकती है ताकि अध्यापकों की कमी झेल रहे स्कूली बच्चों को सुविधा हो सके। सूत्रों की माने तो सरकार भी कानूनी नियमों के तहत रिजल्ट निकालने की जुगत में हैं, लेकिन आगामी विस चुनावों को ध्यान में रखते हुए डेढ़ से दो वर्ष तक रिजल्ट की बाट जोह रहे आवेदकों को अब आचार संहिता का डर सताने लगा है। 
"पंचकूला में अनशन पर बैठे पात्र अध्यापकों को हरियाणा स्कूल अध्यापक भर्ती बोर्ड बोर्ड के चेयरमैन खजान सिंह ने आश्वासन दिया था कि इस दिशा में जल्द ही सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद पात्र अध्यापकों ने अनशन समाप्त किया था। अब पात्र अध्यापक संघ फिर से सीएम बोर्ड के चेयरमैन से मिलेगा अल्टीमेटम देगा। अगर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से अनशन शुरू करने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा।"---राजेंद्र शर्मा, अध्यक्षपात्र अध्यापक संघ, हरियाणा                                      db 

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