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Sunday 24 August 2014

ट्यूशन फीस वापस करने पर गैरजमानती वारंट जारी

** डिप्लोमा देने पर उपभोक्ता फोरम की कार्रवाई 
रोहतक : ट्यूशन फीस लेने के बाद भी डिग्री देने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने कंप्यूटर डिप्लोमा प्रोवाइड कराने वाले संस्थान एनआईआईटी के निदेशक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। तीन साल पहले फीस वापस करने के निर्देश का पालन करने पर उपभोक्ता फोरम ने यह कार्रवाई की है। 
सेक्टर-1 निवासी अनिल छाबड़ा सिविल रोड पर ट्राफी की दुकान चलाते हैं। उन्होंने बताया कि करीब 6 साल पहले उन्होंने अपने बेटे रोबिन को कंप्यूटर डिप्लोमा दिलाने के लिए एनआईआईटी की रोहतक ब्रांच में एडमिशन कराया था। कोर्स एक साल का था, जिसकी फीस साल भर की किश्तों में करीब 45 हजार रुपए बैठी। उन्होंने पूरी फीस जमा कर दी। कोर्स की अवधि पूरी होने के साथ ही रोबिन का एडमिशन इसराना स्थित इंजीनियरिंग कालेज में बीटेक के लिए हो गया। रॉबिन अपना डिप्लोमा लेने पहुंचा तो एनआईआईटी के अधिकारियों ने फैकल्टी होने का हवाला देते हुए कोर्स पूरा होने की बात कही। उन्होंने कहा कि 6 माह और पढ़ाई करने के बाद कोर्स पूरा होगा और इसके बाद ही डिप्लोमा मिलेगा। अनिल छाबड़ा ने रोबिन का एडमिशन बीटेक में हो जाने का हवाला देते हुए 6 माह की पढ़ाई से इनकार कर दिया। उन्होंने ट्यूशन फीस वापस मांग ली। कई बार टरकाने के बाद भी ट्यूशन फीस नहीं मिली तो अनिल छाबड़ा ने बेटे से उपभोक्ता फोरम में केस डलवा दिया। 
ट्यूशन वकील की फीस देने के दिए थे निर्देश
मामले की सुनवाई करते हुए उपभोक्ता फोरम ने डायरेक्टर एनआईआईटी एकेडमी (सोनीपत) को ब्याज के साथ रोबिन से वसूली गई ट्यूशन फीस ब्याज समेत लौटाने के साथ-साथ वकील करने में खर्च हुई 2500 रुपए की धनराशि अदा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन करीब तीन साल बीतने के बाद भी आदेश का पालन करने पर फोरम ने करीब दो माह पहले वारंट जारी कर निदेशक को तलब किया था। इसके बाद भी पेश होने पर फोरम ने दो दिन पहले निदेशक के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किए हैं।                                   db

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