.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Wednesday 5 November 2014

अशक्त छात्रों को नहीं होगी दिक्कत

नई दिल्ली : देशभर के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले अशक्त छात्रों को अब कैंपस में एक विभाग से दूसरे विभाग आने-जाने में परेशानी नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशक्त छात्रों की परेशानी को समझते हुए उनके लिए बेहतर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। 
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) देशभर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी को विशेष टॉयलेट और रैंप बनाने के लिए एक लाख रुपये का फंड जारी करेगा, जबकि विश्वविद्यालय स्तर पर भी राशि खर्च करने की योजना है। इसके लिए विश्वविद्यालयों से खाका मंगवाया गया है। 
दरअसल विश्वविद्यालयों के कैंपस में एक से दूसरे विभाग तक आने-जाने में अशक्त और नेत्रहीन छात्रों के लिए बेहद परेशानी भरा होता। कई किलोमीटर में फैले कैंपस में बाइक और कारें चलने से सड़कें भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में अशक्त छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के लगभग 95 फीसदी विश्वविद्यालयों में अशक्त छात्रों के लिए स्पेशल इन्फ्रास्ट्रक्चर है ही नहीं। इन्फ्रास्ट्रक्चर न होने के पीछे पैसे की कमी बड़ा कारण बताया जाता रहा है। अब प्रधानमंत्री के निर्देशों के बाद विश्वविद्यालय स्पेशल डिजाइन तैयार करेंगे, जिसमें विशेष टॉयलेट, रैंप और लिफ्ट लगाना आदि शामिल है।
जेएनयू की सबसे पुरानी मांग होगी पूरी
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय देश की ऐसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, जहां सबसे अधिक करीब 500 अशक्त छात्र पढ़ते हैं। जेएनयू में सालों से ऐसे छात्रों के लिए स्पेशल रैंप, लिफ्ट और टॉयलेट की मांग उठती रही है, जिसके लिए कैंपस से लेकर यूजीसी के बाहर भी विरोध दर्ज होते रहे हैं। कैंपस में अशक्त छात्रों के लिए तीन हॉस्टल हैं, जिनमें एक भी सुविधा नहीं है। अब उम्मीद जगी है कि ऐसे छात्रों को विशेष सुविधाएं मिलेंगी।
एमएचआरडी के निर्देशों के तहत यूजीसी देशभर के केंद्रीय यूनिवर्सिटी को देगा एक लाख का विशेष फंड, विकसित किया जाएगा बुनियादी ढांचा
मन की बात में पीएम ने बयां किया था दर्द 
रेडियो के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में अशक्त छात्रों के दर्द को बयां किया था। प्रधानमंत्री का कहना था कि अशक्त छात्रों को विश्वविद्यालय कैंपस में सबसे अधिक परेशानी होती है। ऐसे में उनके लिए विशेष सुविधाएं होनी चाहिए।                                           au

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.