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Wednesday 12 November 2014

टीचर भी नहीं बता पाए मानसून की परिभाषा

** डीसी अंशज सिंह ने किया सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण, अध्यापकों और बच्चों का ज्ञान जांचा 
** अधूरे ज्ञान को देखकर डीसी भड़क उठे और अध्यापको फटकार लगाई 
सिरसा : डीसीअंशज सिंह मंगलवार सुबह जिले के सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करने निकले। डीसी ने स्कूलों में जाकर जहां खुद किताब हाथ में पकड़ बच्चों का ज्ञान जांचा। वहीं अध्यापकों के अधूरे ज्ञान को देखकर डीसी भड़क उठे और उन्हें फटकार भी लगाई। डीसी को अचानक सुबह सुबह स्कूल में देखकर सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के हाथ पांव फूल गए। डीसी बिना किसी से बातचीत किए सीधे कक्षाओं में गए और छात्रों से सवाल जवाब किए। जब डीसी के आसान प्रश्नों के जवाब भी छात्र नहीं दे पाए तो उन्होंने संबंधित विषय के अध्यापक से भी प्रश्न कर डाला। इस पर स्कूल के सभी अध्यापकों का पसीना छूट गया। 
9:30 बजे डीसी साहूवाला के सरकारी स्कूल में पहुंचे 
मंगलवारसुबह सुबह ही डीसी अंशज सिंह के मन में पता नहीं क्या आया कि वे दफ्तर से जिला राजस्व अधिकारी यतिंद्र सिंह छोकर तहसीलदार संजय बिश्नोई को साथ लेकर डबवाली की ओर निकल गए। गांव साहूवाला प्रथम के पास पहुंचते ही उन्होंने चालक को गाड़ी वहां के सरकारी स्कूल में ले जाने का इशारा किया। समय करीब साढ़े नौ बजे का था। डीसी गाड़ी से उतरे और सीधे नौंवी कक्षा में पहुंच गए। जहां अध्यापक छात्रों को पढ़ा रहा था। प्रशासन के उच्चाधिकारियों के इस प्रकार स्कूल में पहुंचने से स्कूल के प्राचार्य अध्यापकों में हड़कंप मच गया। अध्यापकों ने जहां छात्रों को अनुशासन में बैठाया। वहीं पढ़ाई करवाने में व्यस्त दिखने लगे। वहीं प्राचार्य डीसी अन्य अधिकारियों के पास पहुंचे। डीसी ने उनसे कक्षा का नाम छात्रों की संख्या पूछी। उसके बाद डीसी ने स्कूल की शिक्षा अन्य समस्याओं बारे बातचीत की। उसके बाद डीसी ने बच्चों को खड़े कर करके उनसे सवाल पूछे। 
छात्र नहीं बता पाए नदी, नालों की व्याख्या
डीसी ने नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों का ज्ञान परखने के लिए उनसे पहला प्रश्न किया। डीसी ने उनसे पूछा नदी नालों में क्या अंतर है। एक दो विद्यार्थियों ने जवाब देने के लिए ही हाथ खड़े किए। इस पर डीसी हैरान हुए। उन्होंने उनसे पूछा तो वे इस प्रश्न की व्याख्या नहीं कर पाए। डीसी ने उस विषय के अध्यापक की ओर देखा। उसके बाद उन्होंने पूछा पहाड़ और समुंदर में बताओ। कक्षा के 43 के 43 बच्चे मौन रहे। इस पर डीसी भड़क गए। उन्होंने संबंधित विषय के अध्यापक को लताड़ लगाई। डीसी ने कहा कि ऐसी पढ़ाई करके ये बच्चे आगे बढ़ेंगे। प्राचार्य ने बीच में जब सफाई देनी चाही तो डीसी ने उनकी भी बोलती बंद करवा दी। इस पर सब चुपचाप नजरें झुकाकर खड़े हो गए। तब तक गांव के सरपंच अन्य मौजिज लोग भी डीसी के आने की सूचना पाकर स्कूल में पहुंच गए।
चेतावनी: दिसंबर में फिर करेंगे निरीक्षण
जब नौंवीं कक्षा के विद्यार्थी डीसी के सवालों का जवाब नहीं दे पाए तो डीसी अंशज सिंह को अध्यापक के ज्ञान पर भी शक हो गया। उन्होंने अगला प्रश्न अध्यापक से करते हुए उससे मानसून की परिभाषा पूछ डाली। इस पर अध्यापक घबरा सा गया और लड़खड़ाती आवाज में प्रश्न का जवाब देने की कोशिश करने लगा। मगर डीसी के आगे वह मानसून की उचित परिभाषा को परिभाषित नहीं कर पाया। अध्यापक में ज्ञान का अभाव देखकर डीसी एकदम आगबबूला हो गए। उन्होंने अध्यापक प्राचार्य को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या ऐसा ज्ञान लेकर समाज में जाएंगे े बच्चे। डीसी ने स्कूल के स्टाफ को चेतावनी दी कि वे दोबारा 11,12 दिसबंर को स्कूल निरीक्षण करेंगे। यह कोताई बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। डीसी ने कहा कि अगर कक्षा से अध्यापक नदारद मिले तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद डीसी ने इसी गांव के प्राइमरी स्कूल का भी किया निरीक्षण किया। वहां पर पहली दूसरी कक्षा में बच्चों से स्वर व्यंजन ब्लेक बोर्ड पर लिखवाए। उन्होंने छात्राओं से भी स्वयं किताब लेकर उनसे पढ़वाया। बच्चों की अच्छी शिक्षा के बारे में अध्यापकों को निर्देश दिए कि वे स्कूल में समय पर आए सभी बच्चों की हाजिरी सुनिश्चित करें। उन्होंने स्कूल अध्यापकों से कहा कि वे स्कूलों में सफाई का विशेष ध्यान रखें।                                  db






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