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Thursday 6 August 2015

स्कूलों की दीवारों पर पेंट से लिखा जाएगा सिलेबस

** जिला शिक्षा विभाग ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को जारी किए आदेश
** दीवार पर चार फीट लंबी और सोलह फीट चौड़े स्थान पर दी जाएगी जानकारी 
** स्कूल मुखियाओं की मांग, इस काम के लिए फंड की स्थिति स्पष्ट करे शिक्षा विभाग
अंबाला सिटी : हरियाणा शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर, पढ़ाने का स्तर और विद्यार्थियों का स्तर तीनों बढ़ाना चाहता है। इसके लिए शिक्षा विभाग अपनी एक्सरसाइज भी कर रहा है। इसी दिशा में शिक्षा विभाग ने अब सूबे के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों को आदेश दिए हैं वे हर कक्षा का सिलेबस दीवारों पर लिखाएंगे।
इस सिलेबस को विभाग ने लर्निंग इंडीगेटर यानी अधिगम संकेतक का नाम दिया है। इसमें ये अंकित होगा कि पहले से पांचवीं तक पूरा साल बच्चों को माह-दर-माह विभिन्न विषयों को किस तरह से पढ़ाया जाना है। स्कूलों के शिक्षक इसी लर्निंग इंडीगेटर के तहत ही बच्चों को विषय की तैयारी कराएंगे। दीवारों पर लर्निंग डंडीगेटर का साइज चार फीट लंबा और सोलह फीट चौड़ा होगा। बाकायदा इसे दीवार पर पेंट करवाया जाना है, ताकि पूरा साल लर्निंग इंडीगेटर का प्रारूप न बिगड़े।
असमंजस, कहां से आएगा पैसा 
सभी प्राइमरी स्कूलों में सात अगस्त तक ये काम पूरा करवा लेना है। मगर इसे लेकर प्राइमरी स्कूलों के हेड टीचरों में असमंजस ये बना हुआ है कि ये आखिरकार इस काम के लिए वे खर्च किस मद से करें। हेड टीचरों ने बताया कि उनके स्कूलों में पांच कक्षाएं हैं और पांचों कक्षा के लिए सिलेबसनुमा लर्निंग इंडीकेटर को दीवारों को एक तय साइज के तहत दीवारों पर अच्छे ढंग से पेंट से अंकित करवाना है। उनके अनुसार उन्होंने इस बारे में बाजारों से रेट भी लिए है और इस काम के लिए विभिन्न पेंटर 25 से 30 रुपये प्रति फीट चार्ज किया जा रहा है। यानी स्कूल में इस काम के लिए करीबन 9500 रुपये खर्च आना है। लेकिन असमंजस यह है कि स्कूलों के हेड टीचर इस राशि को किसी मद से खर्च करें। यही स्थिति अभी तक क्लीयर नहीं है। पहले भी ऐसे कई बार हो चुका है कि शिक्षक स्कूलों का काम अपनी जेब से करवा लेते हैं और बाद में उनकी खर्च की हुई राशि से संबंधित बजट ही विभाग से नहीं आता। इसलिए विभागीय अफसरों से मांग है कि वे प्रपत्र के जरिए ये स्पष्ट कर दें कि इस काम के लिए स्कूल मुखिया किस मद से खर्च करे?
"ये काम जिला परियोजना कार्यालय को दिया गया है। इस बारे में चैक करवाऊंगा कि स्कूलों को इस काम के लिए क्या सर्कुलर भेजे गए हैं। स्कूलों में ये काम होगा और इसके लिए विभाग फंड भी देगा। इस बारे में जल्द ही स्थिति स्पष्ट की जाएगी।"-- धर्मवीर कादियान, डीईओ, अंबाला                                                                    au

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