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Tuesday 11 August 2015

टीचर्स से अब नहीं लिया जाएगा नॉन टीचिंग वर्क

** खराब परीक्षा परिणाम के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने लिया निर्णय, टीचर्स का वर्कलोड कम करने के लिए नियम जल्द होगा लागू 
अम्बाला सिटी : अब टीचर्स नहीं करेंगे डाक के साथ नॉन टीचिंग काम। क्योंकि इस बार जिले में दसवीं बारहवीं कक्षाओं के खराब परिणामों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत शिक्षा विभाग में कार्य करने वाले अध्यापकों को डाक के साथ-साथ नॉन टीचिंग काम नहीं करने पड़ेंगे। 
इसके साथ-साथ जिले में अध्यापकों की एपीआर रोकने वाले अफसर भी नपेंगे। प्रदेश में अध्यापकों पर नॉन टीचिंग वर्कलोड कम करने की योजना को जल्द ही लागू किया जाएगा। जिससे जिले में सरकारी स्कूलों में अपना सारा समय बच्चों की शिक्षा दे सके। अब स्कूलों में सभी तार अन्य डाक का काम मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम से किया जाएगा। 
अध्यापकों को नॉन टीचिंग वर्क के लिए डीईओ बीईओ के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यह महत्वपूर्ण निर्णय शिक्षा विभाग की स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में लिया जा चुका है। जिसकी अध्यक्षता विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य अध्यापकों से नॉन टीचिंग वर्क को समाप्त करने को लेकर रहा। 
गुणवत्ता को सुधारने के लिए लिया निर्णय: 
शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए विभाग द्वारा एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत सितंबर माह से तीसरी से आठवीं कक्षा की मासिक परीक्षाओं का संचालन भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाएगा। 
प्रश्न-पत्र बनाने से लेकर विद्यालय में विद्यार्थियों की मूल्यांकन तक का कार्य बोर्ड की निगरानी में किया जाएगा। अब तक यह कार्य बोर्ड द्वारा निजी कम्पनी के माध्यम से करवाया जाता था। विभाग द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि जिन स्कूलों ने मासिक परीक्षाओं का रिकार्ड अब तक अपलोड नहीं किया है, या मूल्यांकन में किसी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
"विभाग द्वारा नॉन टीचिंग का काम खत्म करने की जो योजना बनाई है वह सराहनीय है। क्योंकि इस योजना के तहत टीचर्स को स्कूल का अन्य काम नहीं करना पड़ेगा, सिवाय बच्चों को पढ़ाने के। एेसा होने से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।"-- धर्मवीर कादियान, डीईओ, अम्बाला। 
खराब परिणाम आने पर विभाग हुआ सख्त 
2015 के 10वीं 12वीं के खराब परीक्षा परिणाम पर शिक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस वर्ष हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं की परीक्षा का परिणाम 50% भी नहीं रहा। इनमें सबसे अधिक किरकिरी तो सरकारी स्कूलों की हुई, क्योंकि सरकारी स्कूलों के लगभग 30 प्रतिशत विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हो सके। निजी स्कूलों का परिणाम 53 फीसदी रहा। 12वीं कक्षा का परिणाम 93.96% रहा। इनमें से 46% लड़के पास हो पाए। जबकि 64.57% लड़कियों ने सफलता पाई। खराब परिणाम को देखते हुए सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को लेकर टीचर्स से नॉन टीचिंग वर्क का काम खत्म करने की दिशा में अहम फैसला है। 
मूल्यांकन रिपोर्ट न भेजने पर कार्रवाई
विभाग द्वारा तय समय सीमा के अंदर यदि अध्यापकों द्वारा एपीएआर यानी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट नहीं भेजी गई तो उन अध्यापकों के खिलाफ विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं यदि कोई भी अधिकारी अपने अधीन कर्मचारी की एपीएआर समय पर भेजना सुनिश्चित नहीं करेंगे तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।                                                      db 


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