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Thursday 3 March 2016

प्रमोशन कोटे के 13000 पद न भरने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) को अवमानना नोटिस

** अनदेखी :  नवंबर में हाईकोर्ट ने शिक्षकों को पदोन्नति देकर पद भरने के दिए थे आदेश, अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं 
चंडीगढ़/पानीपत : गेस्ट टीचरों की सेवाएं आगे बढ़ाने की सोच रही प्रदेश सरकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से झटका मिला है। बुधवार को हाईकोर्ट ने कोर्ट की अवमानना संबंधी याचिका पर शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पदोन्नति कोटे से ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) के करीब 13 हजार पद भरने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई है। मामले पर 21 मार्च के लिए सुनवाई तय की गई है। 
 20 नवंबर 2015 को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सरकार और शिक्षा विभाग को प्रमोशन कोटे से पद भरने के आदेश दिए थे। जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) से टीजीटी और टीजीटी से पीजीटी पदोन्नति से यह पद भरे जाने थे। इससे जेबीटी की नियमित भर्ती का रास्ता खुलता। पीजीटी के 8,000 से ज्यादा स्वीकृत पद वर्ष 2012 से खाली पड़े हैं, जिन्हें टीजीटी को प्रमोशन देकर भरा जाना है। 4 साल बीत जाने के बावजूद भी प्रमोशन कोटे के पद नहीं भरे जा रहे। इसी तरह से टीजीटी कैडर में भी करीब 5,000 पद प्रमोशन कोटे के रिक्त पड़े हैं, जिन्हें जेबीटी को प्रमोशन दे कर भरा जाना है। पिछले 5 साल से शिक्षा विभाग ने इन पदों को भरने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया। जेबीटी को आखिरी बार 2011 में प्रमोशन मिली थी, तब आठ से ज्यादा जेबीटी की भर्ती का रास्ता खुला था। 
फतेहाबाद निवासी बिजेंद्र लहरियां की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेशों को 3 माह से भी ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद शिक्षा विभाग ने अभी तक ये पद नहीं भरे हैं। याचिका में 1 अप्रैल 2016 से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र से पहले प्रमोशन कोटे के पद भरे जाने की मांग की गई है, ताकि नए सत्र से शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चले। याचिका में बताया गया कि शिक्षकों की कमी से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है, जिसका प्रभाव परीक्षा परिणाम में भी नजर रहा है। 
21 मार्च को होगी अगली सुनवाई 
पढ़ाई पर असर 
प्रमोशन से पद भरने जाने और नियमित भर्ती होने का असर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। सरकार ने भी हाईकोर्ट से इसी आधार पर गेस्ट टीचरों की सेवाएं जारी रखने की अनुमति मांगी थी। 
9,455 जेबीटी की नियुक्ति भी कानूनी प्रक्रिया में फंसी 
9,455 जेबीटी को नियुक्ति पाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। राहत की उम्मीद लेकर आए शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता मंगलवार को भी साफ नहीं हो पाया था। हाईकोर्ट ने रिजल्ट के पेन ड्राइव में मौजूद डाटा का मिलान हरियाणा सरकार द्वारा सौंपे गए कंप्यूटरों के डाटा से करने के सीएफएसएल को निर्देश दिए थे। मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च तय की गई है। 
नई भर्ती पर असर
पहले हुड्‌डा सरकार और अब भाजपा सरकार गेस्ट टीचरों को एडजस्ट करने के चक्कर में प्रमोशन रोककर बैठी है। इस वजह से नियमित भर्ती भी नहीं हो पा रही। हालांकि सरकार ने कुछ महीने पहले नियमित पदों के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन उसकी प्रक्रिया अभी आगे नहीं बढ़ी है। प्रदेश में हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) पास करने वालों की संख्या बढ़ रही है। एचटेट पास युवा नियमित भर्ती के इंतजार में बैठे हैं। 
गेस्ट टीचरों पर असर
सरकार ने पिछले साल जुलाई में 4,073 सरप्लस गेस्ट टीजीटी की सेवाएं समाप्त कर दी थी। हालांकि बाद में शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा के हस्तक्षेप के बाद इनकी सेवाएं बहाल कर दी गईं। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से कोर्ट में कहा गया कि पद खाली होने की वजह से स्कूलों में पढ़ाई पर असर पड़ेगा। इसलिए 31 मार्च 2016 तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं जारी रखने की अनुमति दी जाए। अब यदि सरकार जेबीटी को प्रमोशन देकर टीजीटी के पद भरती है तो इन गेस्ट टीचरों को हटाना पड़ेगा।

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