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Friday 19 July 2013

रेशनेलाइजेशन नीति ने उड़ाई अध्यापकों की नींद



कैथल : हरियाणा शिक्षा विभाग में कक्षा एक से पांच के अध्यापकों के रेशनेलाइजेशन ने प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों की नींद हराम कर दी है। इससे पहले फरवरी मार्च के महीने में शिक्षा विभाग द्वारा रेशनेलाइजेशन किया गया था लेकिन उसे लागू नहीं किया जा सका लेकिन आजकल शिक्षा विभाग बड़ी गम्भीरता से इसे लागू करने का प्रयत्न कर रहा है जिसके कारण खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर निदेशक मौलिक शिक्षा कार्यालय में केवल रेशनलाइजेशन की बातें हो रही हैं।
अध्यापकों को हर समय इसे लागू करने के बाद दूरदराज के स्कूलों में जाने का भय सता रहा है। रेशनेलाइजेशन के कारण जहां प्राथमिक शिक्षकों के तबादले नहीं हो पा रहे हैं वहीं इसके बाद अध्यापकों के मनचाहे स्टेशन भरे जाने की आशंका है। रेशनेलाइजेशन करते समय शिक्षा विभाग आरटीई को कथित ठेंगा दिखाकर अपनी मनमर्जी कर रहा है क्योंकि न तो विभाग कम छात्रसंख्या वाले स्कूलों में कम से कम दो अध्यापकों की नियुक्ति कर रहा है और न ही एक सौ पचास विद्यार्थियों के स्कूलों में अतिरिक्त मुख्यशिक्षक का पद स्वीकृत कर रहा है। इसके साथ विभाग द्वारा नर्सरी कक्षा के विद्यार्थियों को भी छात्र संख्या में नहीं गिना जा रहा है जबकि बड़ी संख्या में प्राथमिक शिक्षक नर्सरी के हजारों बालकों को पढा रहे हैं। राज्य में बनाए गए सभी कन्या प्राथमिक विद्यालय आज भी बिना मुखिया ही चल रहे हैं। इस व्यवस्था से प्राथमिक विद्यालयों से मुख्य शिक्षक के सभी पद धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे। प्राथमिक शिक्षकों को पदोन्नति केवल मुख्यशिक्षक के पद पर ही प्राप्त होती है यदि सरकार मुख्य शिक्षक के पदों पर कैंची चलाती है तो प्राथमिक शिक्षकों को मिलने वाली एकमात्र पदोन्नति भी उनके लिए सपना बन कर रह जाएगी।
क्या है आर.टी.ई. के नियम
आरटीई में स्पष्ट कहा गया है कि कक्षा एक से पांच को प्राथमिक शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाएगा और प्रत्येक 30 बच्चों के लिए एक प्राथमिक शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी तथा एक किलोमीटर के दायरे में बालक को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। शिक्षा का अधिकार कानून स्पष्ट करता है कि जिस विद्यालय में 150 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करेंगे वहां एक अतिरिक्त मुख्यशिक्षक का प्रावधान होगा जो शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कार्य करेगा।
प्राथमिक शिक्षक संघ करेगा विरोध
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के जिला कैथल प्रधान रोशन लाल पंवार व  वरिष्ठ उपप्रधान राजेश बैनीवाल ने रेशनेलाइजेशन नीति का विरोध करते हुए कहा कि सरकार मुख्य शिक्षक व प्राथमिक शिक्षकों के पदों को रेशनेलाइजेशन के बहाने समाप्त करने की कुचेष्टा कर रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार आर.टी.ई को सही ढंग से लागू करे तथा सभी स्कूलों में मुख्यशिक्षक का पद स्वीकृत करे तथा कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में भी कम से कम दो अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। यदि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में केवल एक अध्यापक की नियुक्ति होती है तो सैकड़ों अध्यापक सरपल्स हो जाएंगे तथा उन स्कूलों में पढ़ाई का कार्य प्रभावित होगा।  ..dt

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