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Tuesday 30 July 2013

पुस्तकें नहीं: मस्ती की पाठशाला


करनाल : शिक्षण सत्र के चार माह गुजर जाने के बाद भी सरकारी विद्यालयों में पुस्तकें नहीं पहुंची है। पुस्तकें नहीं होने से अध्यापन की गाड़ी पटरी से उतरी हुई है। विद्यार्थी पुस्तकों को लेकर शिक्षकों से जवाब मांगते हैं तो शिक्षक अधिकारियों से बात करते हैं। जबकि जिला शिक्षा अधिकारियों को भी यह पुष्ट नहीं कि अभी भी पुस्तकें कब तक विद्यालयों तक पहुंचेंगी

सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत के साथ ही शिक्षण सत्र 2002-03 से पहली से आठवीं कक्षा तक निशुल्क पुस्तकें विद्यार्थियों को देने का प्रावधान था। नियम यह भी है कि पुस्तकें अप्रैल माह में शिक्षण सत्र की शुरुआत के साथ ही बच्चों को पढ़ने के लिए पुस्तकें मिलनी चाहिए तो ही अभ्यास पुस्तिका भी, ताकि विद्यार्थियों को अध्यापन के लिए राशि खर्च नहीं करनी पड़ी तो साथ ही अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ न पड़े। लेकिन बच्चों को निश्शुल्क पुस्तकें व अभ्यास पुस्तिका देने की योजना शुरुआत के साथ ही लड़खड़ाने लगी। आज तक कभी भी शिक्षण सत्र की शुरुआत के साथ ही बच्चों को पुस्तकें नहीं मिली। किसी साल पुस्तकें बच्चों तक अगस्त माह तक पहुंची तो किसी साल दिसंबर माह तक भी पहुंची है।
पिछले शिक्षण सत्र की शुरुआत में भी पुस्तकें समय पर नहीं पहुंची थी, लेकिन पिछले सालों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हुए मई माह तक करीब 70 फीसदी पुस्तकें स्कूलों तक पहुंच गई थी। लेकिन इस साल हाल बेहद ही खराब है। बच्चे पुस्तकें नहीं मिलने की वजह से अध्यापन की बजाए खेलकूद कर ही स्कूलों में समय बीता रहे है या फिर शिक्षक अपने अनुभव के आधार पर शिक्षा दे रहे है। बच्चे अपनी ही उत्तर पुस्तिका बाजार से खरीद कर लाते हैं और शिक्षक के अनुसार पढ़ते हैं। लेकिन किताब नहीं होने पर बच्चे पूरा पाठ्यक्रम भी समझ नहीं पाते।
हरियाणा राजकीय विद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व प्रदेश सचिव कृष्ण कुमार निर्माण का कहना है कि सरकार ने कभी भी सर्व शिक्षा अभियान को सफलता से चलाने की गंभीरता नहीं दिखाई। इसी का नतीजा है कि समय पर कभी भी बच्चों को पुस्तकें नहीं मिली। संघ की मांग की है कि सरकार इस योजना को चलाने के लिए गंभीर हो और बच्चों तक समय पर पुस्तकें उपलब्ध करवाए।
पहली व दूसरी कक्षा की पुस्तकें आई
चार महीने बीत जाने के बाद अब पहली व दूसरी कक्षा की पुस्तकें स्कूल तक पहुंच गई। लेकिन इस चाल को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि सभी कक्षाओं की पुस्तकें आने तक अक्टूबर या नवंबर माह आ जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के सहायक जिला परियोजना अधिकारी सूरज प्रकाश चावला का कहना है कि पहली व दूसरी कक्षा की पुस्तकें आ चुकी है। लेकिन अन्य कक्षाओं की पुस्तकें कब आएंगी, इसके बारे में उच्चाधिकारी ही बता सकते है। ..DJ

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