.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Friday 4 October 2013

मिड-डे मील पर चुनावी पालिश


नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख केंद्र सरकार की नजर करीब सवा करोड़ उन दलित व अल्पसंख्यक बच्चों के खानपान व पोषण पर पहुंच गई है, जो गैरसहायता प्राप्त (अनएडेड) निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। सरकार अब उन्हें भी मिड-डे मील (दोपहर का भोजन) देने की तैयारी में है। वह भी अगले दो-चार महीने के भीतर ही। सूत्रों के मुताबिक, सरकार योजना में ही बड़ा बदलाव करने जा रही है। इससे योजना का दायरा काफी बढ़ जाएगा, लेकिन सबसे ज्यादा फायदा अल्पसंख्यक समुदाय, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) बहुल जिलों के उन बच्चों को मिलेगा जो प्राइवेट अनएडेड स्कूलों में पढ़ रहे हैं। योजना में बदलाव के साथ प्राथमिक स्कूल परिसरों में चल रहे प्री-प्राइमरी स्कूलों और शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में सरकारी खर्चे से पढ़ने वाले आरक्षित कोटे के 25 प्रतिशत बच्चों को भी मिड-डे मील में शामिल किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने योजना के विस्तार का खाका तैयार कर लिया है। इस नई पहल से 50 हजार से ज्यादा स्कूलों के लगभग सवा करोड़ बच्चों को इस योजना का और फायदा मिलेगा। हालांकि, इससे एक साल में केंद्र पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार की कोशिश इसे अगले दो-चार महीने के भीतर ही लागू कराने की है। अभी सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त साढ़े 12 लाख स्कूलों के साढ़े दस करोड़ बच्चों को मिड-डे मील मिल रहा है। इसके अलावा, मिड-डे मील के मानकों में भी बदलाव होगा। उसे पकाने में आने वाला खर्च मूल्य सूचकांक (प्राइस इंडेक्स) से जोड़ा जाएगा। साथ ही कुक कम हेल्पर, ट्रांसपोर्टेशन, किचन से संबंधी मानकों में भी बदलाव किया जाएगा।  dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.