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Monday 7 October 2013

HBSE : जूनियर केंद्र अधीक्षक, सीनियर को बनाया सुपरवाइजर

** शिक्षा बोर्ड की प्रणाली फिर विवादों में 
** अब 15 से शुरू होने वाली 12वीं की परीक्षाओं के लिए लगाई ड्यूटी में गड़बड़ी 
रेवाड़ी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी दसवीं और 12वीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं। एक सेमेस्टर के बाद ही दसवीं की परीक्षा बोर्ड द्वारा कराए जाने के निर्णय के बाद अब 15 अक्टूबर से आरंभ होने वाली 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए प्राध्यापकों की ड्यूटी में बरती गई अनियमितता सामने आई है। बोर्ड ने ऐसे प्राध्यापकों को सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई जो वरिष्ठता के आधार पर अधीक्षक के योग्य हैं। इतना ही नहीं ऐसे कई सीनियरों को सुपरवाइजर बनाया गया है जो कभी भी प्राचार्य का पदभार संभाल सकते हैं। इसमें वर्ष 2004 के प्राध्यापकों को केंद्र अधीक्षक का जिम्मा दिया गया जबकि जो सुपरवाइजर बने हैं उनमें वे प्राध्यापक शामिल हैं जो 1993 या 2000 से पहले के हैं। एक केंद्र अधीक्षक के अधीन 5 से 10 सुपरवाइजर काम करेंगे।परीक्षाएं शुरु होने में अभी एक सप्ताह से अधिक का समय बचा है। हालांकि बोर्ड ने प्राध्यापकों की ड्यूटी लगा दी है लेकिन वरिष्ठता के आधार पर कई प्राध्यापक आपत्ति कर सकते हैं जिससे परीक्षा आयोजन कराने में दिक्कतें आ सकती हैं। 
ऑनलाइन सिस्टम होने के बाद भी खामियां 
बोर्ड के पास प्रदेशभर के स्कूलों के स्टाफ का रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के बावजूद प्राध्यापकों की ड्यूटी लगाने में अनुभव का ध्यान नहीं रखा गया। इससे सीनियर प्राध्यापकों में अहम की स्थिति पैदा हो रही है। उनका कहना है कि बोर्ड ने ऐसे प्राध्यापकों को केंद्र अधीक्षक की ड्यूटी लगाई है जिनकी नियुक्ति 2004 के बाद की है। ऐसे में एक केंद्र अधीक्षक के अधीन 5 से 15 सुपरवाइजर काम करेंगे। एक सुपरवाइजर 32 विद्यार्थियों की निगरानी करेगा। इन सुपरवाइजरों में कुछ प्राचार्य बनने के कगार पर हैं तो कोई बन भी चुके हैं लेकिन अभी अपना नया कार्यभार नहीं संभाल पाएं हैं। महिला प्राध्यापिकाएं हैं भी हैं जिनकी नियुक्ति 1993 या 1997 की हैं। इनकी ड्यूटी सुपरवाइजर में लगाई गई हैं। 
पदोन्नति का परीक्षाओं पर पड़ेगा असर 
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन हसला जिला प्रधान हरीश कुमार का कहना है कि यदि पदोन्नत हुए प्राध्यापक अपना कार्यभार संभालते हैं और जिनकी सूची कुछ ही दिनों में जारी होनी है, के अपने कार्यालय संभालने के बाद परीक्षाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अधिकारियों को सीनियर प्राध्यापकों का सम्मान करना चाहिए। अनुभव के आधार पर केंद्र अधीक्षक का जिम्मा सीनियर प्राध्यापकों को दिया जाना चाहिए ताकि परीक्षाओं को बेहतर ढंग से कराए जा सकें।
आपत्तियों को दुरुस्त किया जाएगा : संयुक्त सचिव 
"बोर्ड की ओर से शिक्षकों का डाटा मांगा गया था। उसके अनुसार ही शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। संबंधित संस्थान के मुखिया ने जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई उसके अनुसार ही ड्यूटी लगाई गई है। इसमें किसी भी प्राध्यापक को लगता है कि उनके साथ गलत हुआ है वे बोर्ड में संपर्क कर सकते हैं। एक दो दिन के अंदर आने वाली आपत्तियों को दुरुस्त कर दिया जाएगा। हालांकि अभी उनके पास इस मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है।"--महेंद्र पाल सिंह, संयुक्त सचिव, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी।








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