डीम्ड यूनिवर्सिटीज से डिग्री प्राप्त युवाओं को शिक्षा विभाग में पीजीटी के पदों पर नियुक्ति पत्र जारी नहीं करने के बाद अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाले विभिन्न पदों में आवेदन करने वालों के सामने भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
वे विभिन्न पदों के लिए आवेदन तो कर रहे हैं लेकिन अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र को लेकर योग्यता होते हुए भी उलझन में हैं। ऐसा नहीं है कि ये विश्वविद्यालय फर्जी हैं या इससे पहले किसी को रोजगार नहीं मिला हो। शिक्षा विभाग में ही प्रदेश भर के सैकड़ों युवाओं ने इन विवि से डिग्री प्राप्त कर रोजगार का लाभ उठा रहे हैं। इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है। मीनाक्षु कुमार हिसार, सुनील कुमार हिसार, विपिन कुमार करनाल, धर्मपाल करनाल, योगेश शर्मा यमुनानगर सहित अनेक युवाओं ने आईएएससई सरदारशहर राजस्थान, बंगलुरु, तमिलनाडु आदि के विश्वविद्यालयों से डिग्री ली हुई है।
हमारा क्या दोष:
पियुष हरित रेवाड़ी, प्रदीप कैथल, राजेश सोनीपत, सहित अनेक युवाओं का कहना है कि जब यूजीसी और अन्य विश्वविद्यालयों से संबंधित कॉलेजों में कोई आपत्ति नहीं है और कई शिक्षण संस्थानों में यहां से डिग्री प्राप्त लोगों को रोजगार मिला हुआ है तो उन्हें नियुक्ति पत्र जारी क्यों नहीं की जा रही है। शैक्षणिक योग्यता, मेरिट और अन्य सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जा रहा है।
आरटीआई लगाई तो हुआ खुलासा
नॉन मेवात केडर के पीजीटी में चयनित अभ्यर्थियों जिनकी नियुक्ति सिर्फ इसलिए रोक दी है क्योंकि इनके पास जेआरएन राजस्थान विद्यापीठ, विनायक मिशन यूनिवर्सिटी सलेम तमिलनाडु, बंगलुरु यूनिवर्सिटी बंगलुरु, आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी सरदारशहर राजस्थान की डिग्री है। एमडीयू रोहतक, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, सीडीएलयू सिरसा आदि में भी इन विश्वविद्यालयों को यूजीसी से मान्यता दे रहा है तो फिर नियुक्ति पत्र जारी करने में क्या दिक्कतें आ सकती हैं। dbrwd
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