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Monday 14 April 2014

15-20 रुपए में पेपर चेक करने को तैयार नहीं गवर्नमेंट टीचर

** 10वीं-12वीं की पेपर चेकिंग का काम लटका
** सीबीएसई चेयरमैन ने डीपीआई को लिखा लेटर, कहा- टीचर्स को तुरंत भेजें
चंडीगढ़ : सीबीएसई की 10वीं और 12वीं क्लास के पेपर चेक करने के लिए चंडीगढ़ में 12 सेंटर बनाए गए हैं। पेपर चेक करने के लिए गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स की ड्यूटी लगी है। लेकिन गवर्नमेंट स्कूलों के ज्यादातर टीचर पेपर चेक करने नहीं पहुंच रहे। टीचर्स का कहना है कि पेपर चेक करने के फीस बहुत कम है। स्थिति यह है कि सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी ने चंडीगढ़ एजुकेशन डिपार्टमेंट को कहा है कि टीचर्स को पेपर चेकिंग के लिए भेजें, नहीं तो रिजल्ट समय पर निकालना मुश्किल हो जाएगा। 
सीबीएसई 10वीं क्लास के लिए प्रति पेपर 15 और 12वीं के लिए 20 रुपए दे रहा है। टीचर्स का कहना है कि एक दिन में वह करीब 10 से 15 पेपर चेक कर पाते हैं। इसके अलावा कन्वेंस के 150 रुपए मिलते हैं। एक दिन की करीब 300 रुपए ही मिलते हैं। 
पेपर चेकिंग मार्च के आखिरी हफ्ते में शुरू हुई, मई के आखिरी हफ्ते में रिजल्ट आना है। सीबीएसई के रीजनल ऑफिसर आरजे खांडेराव के कहने पर भी एजुकेशन डिपार्टमेंट टीचर्स को सेंटर तक नहीं ला पाया तो सीबीएसई चेयरमैन विनीत जोशी ने डीपीआई को लेटर लिखकर कहा कि टीचर्स को चेकिंग के लिए आना ही पड़ेगा, उन्हें तुरंत भेजें। 
"रीजनल ऑफिसर से इन्फॉर्मेशन आई थी कि गवर्नमेंट टीचर्स नहीं जा रहे, इसलिए मैंने यूटी एजुकेशन डिपार्टमेंट को लेटर लिख कहा है कि टीचर्स को तुरंत भेजें।"--विनीत जोशी, चेयरमैन, सीबीएसई 
"मैंने कोशिश की थी लेकिन गवर्नमेंट स्कूलों के लिए टीचर्स सेंटर पर नहीं गए। इसलिए मुझे मजबूरन सीबीएसई चेयरमैन को इस बारे में बताना पड़ा।"--आरजे खांडेराव, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसई 
"हमारे टीचर्स इलेक्शन ड्यूटी में बिजी थे, मैं सुनिश्चित करूंगा कि जिन टीचर्स को चेकिंग की ड्यूटी दी गई है वह सेंटर पर जाकर चेकिंग करें।"--कमलेश कुमार, डीपीआई (स्कूल्स) 
तो फिर प्राइवेट स्कूलों पर सख्ती क्यों 
इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के प्रेसिडेंट एचएस मामिक का कहना है- सीबीएसई ने हमारे टीचर्स बुलाए, लेकिन गवर्नमेंट के नहीं आ रहे। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स पर चेकिंग का प्रेशर बढ़ रहा है। सरकार का हुकम अपने टीचर्स पर चलता नहीं और सारा जोर हम पर चलाते हैं। हमारे टीचर्स भी जाने में आनाकानी कर रहे थे लेकिन हमने उन्हें फिर भी भेजा। सीबीएसई चेयरमैन को लेटर लिखकर बता दिया गया है।                                           db

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