.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Tuesday 29 July 2014

सरकार ने बी, सी डी श्रेणी कर्मचारियों की रेगुलर पॉलिसी में किया बदलाव

चंडीगढ़ : कर्मचारियों को रिझाने के लिए प्रदेश सरकार पूरा जोर लगा रही है। इसी क्रम में अब ग्रुप बी, सी और डी कर्मचारियों को नियमित करने के नियमों में और रियायत दी गई है। सरकार ने डाटा एंट्री ऑपरेटर या कंप्यूटर प्रोफेशनल जैसे पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को क्लर्क के स्वीकृत रिक्त पद के विरुद्ध नियमित करने को स्वीकृति दे दी है। ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवा अवधि में एक साल में 30 दिन तक का ब्रेक है, तो उसे माफ किया जाएगा। 
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 7 नवंबर, 2013 पत्र जारी कर क्लर्क-कम-कंप्यूटर ऑपरेटर, ऑफिस एसोसिएट, क्लर्क कम डाटा एंट्री ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटरों और क्लर्क कम टाइपिस्ट जैसे पदों की नामावली (नोमन्क्लेचर) में बदलाव करते हुए 'क्लर्क' कर दिया गया था। इस प्रकार, यदि किसी डाटा एंट्री ऑपरेटर या कंप्यूटर प्रोफेशनल की नियुक्ति के समय क्लर्क का स्वीकृत पद रिक्त था और 28 मई, 2014 को भी यह पद उपलब्ध था तो ऐसे कर्मचारी को क्लर्क के पद पर नियमित किया जा सकता है, बशर्ते वह नियमितीकरण नीति की अन्य शर्तें पूरी करता हो।
एक विभाग की सेवा दूसरे में नहीं जुड़ेगी 
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारी द्वारा एक ही श्रेणी के पद पर एक विभाग से दूसरे विभाग को दी गई अनुबंधित सेवा को नियमितीकरण के लिए आवश्यक तीन वर्ष की सेवा अवधि में नहीं जोड़ा जाएगा। हालांकि यदि किसी कर्मचारी की सेवा अवधि में एक वर्ष में 30 दिनों तक का ब्रेक हो तो उसे माफ किया जाएगा। बशर्ते ऐसा ब्रेक कर्मचारी की गलती से नौकरी का परित्याग करने के कारण हुआ हो। 
जो निजी कंपनियों के माध्यम से लगा, वो नियमित नहीं 
रोजगारकार्यालय, हारट्रोन या विभागीय चयन समिति के माध्यम से नियुक्त हुए कर्मचारियों को नियमितीकरण के लिए पात्र होंगे लेकिन निजी सेवा प्रदाता के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों की सेवाओं का नियमित नहीं किया जा सकता, चाहे ऐसे कर्मचारी स्वीकृत रिक्त पद के विरुद्ध ही क्यों नियुक्त किए गए हों।                                            db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.