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Thursday 24 July 2014

अध्यापकों की कमी से जूझ रहे हैं आरोही स्कूल

** वर्ष 2011 में प्रदेश के 36 खंडों में एक-एक स्कूल खोला गया था, अधिकतर में नहीं फिजिक्स, मेथ और अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक
सिरसा : शिक्षा विभाग ने शिक्षा से पिछड़े खंडों में राजकीय आरोही मॉडल स्कूल खोले गए हैं। स्कूलों शिक्षकों की कमी से ये पिछड़ापन कैसे दूर होगा। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। अधिकतर स्कूलों में फिजिक्स, मेथ अंग्रेजी विषय के शिक्षक नहीं है। बता दें कि वर्ष 2011 में प्रदेश के 36 खंडों में एक एक स्कूल खोले गए। स्कूल भवन पर चार करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। स्कूलों में नौवीं बारहवीं कक्षा में प्रवेश परीक्षा के बाद एडमिशन दिया जाता है। स्कूल में कला संकाय, साइंस संकाय कामर्स संकाय की 120-120 सीटें हैं। 
अब ये कर रहे हैं 
शिक्षानिदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को जिन स्कूलों में वर्क लोड नहीं है। या वर्क लोड कम है। उन स्कूलों से डेपुटेशन पर भेजने के आदेश दिए हैं। मगर कई शिक्षकों को स्कूल इंचार्ज डेपुटेशन पर नहीं भेज रहे हैं। जिससे आरोही स्कूलों में शिक्षकों की कमी हैं। कई शिक्षक भी नहीं चाहते कि उनको मौजूदा स्कूल से भेजा जाए। 
ये बोले छात्र 
गांवनाथूसरी कलां आरोही स्कूल के छात्र संदीप कुमार, अजय सोनू ने कहा कि स्कूल में प्रवेश परीक्षा के बाद इसलिए एडमिशन लिया है। कि स्कूल में सुविधा अच्छी पढ़ाई होगी। मगर स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। 
विभाग ने पहले ये किया 
विभाग ने स्कूलों में पहले राजकीय स्कूलों से डेपुटेशन पर भेज गए। इसके बाद वर्ष 2013 में शिक्षकों की आरोही स्कूलों के लिए रेगूलर भर्ती की गई। विभाग ने राजकीय स्कूलों में जनवरी माह में शिक्षकों की नियुक्ति करवा दी। यहां से विभाग ने डेपुटेशन पर शिक्षकों को आरोही स्कूल में भेज दिया। जिनको स्कूलों में 31 मई को जहां पर नियुक्ति की गई वापस बुला लिया। 
जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर ने कहा कि जहां पर शिक्षकों की कमी है। वहां पर शिक्षकों को भेजा जा रहा है।                                    db

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