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Sunday 16 November 2014

पदोन्नति में आरक्षण : सरकार की फजीहत

जाति के आधार पर पदोन्नति में आरक्षण का सरकार का फैसला हाई कोर्ट में रद होने से एक बार फिर साबित हो गया कि तात्कालिक सियासी लाभ लेने के फेर में कानूनी प्रावधानों का पालन करने में बार-बार चूक हो रही है। सरकार का दृष्टिकोण व्यापक संदर्भो को समाहित करने वाला नहीं होता और चुनावी लाभ ही एकमात्र एजेंडा रहता है। उच्च न्यायालय ने कई याचिकाओं का निपटारा करते हुए एससी वर्ग के 2006 के बाद पदोन्नत ग्रुप सी व डी कर्मचारियों को तीन माह में पदावनत करने का आदेश दिया। सियासी लाभ के लिए नीतियों में घालमेल करने की सरकार की प्रवृत्ति नई नहीं है। लगभग हर अवसर पर मुंह की खाने के बाद भी गलतियों से सबक न लिया जाना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी संस्थान, निकाय या सरकार के लिए सबसे पहली परीक्षा साख और विश्वास बनाने और फिर बरकरार रखने की होती है। हर निर्णय या नीति निर्माण में नियम और कानून की पूर्ण अनुपालना की अपेक्षा की जाती है। हाल के वर्षो में सरकार के कम से कम एक दर्जन निर्णय ऐसे रहे जो विभिन्न अदालतों से होते हुए हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तथा गैर कानूनी करार दिए गए। जाति आधार पर आरक्षण देने में भी सरकार ने वैधानिक गंभीरता के बजाय तात्कालिक उतावलापन ही दिखाया।
अब जाति के आधार पर पदोन्नति रद होने से सरकार को दो स्तरों पर फजीहत का सामना करना पड़ेगा। उसकी साख को बट्टा लगने के साथ उन कर्मचारियों को क्या जवाब दिया जाएगा जिन्हें अतार्किक, अव्यावहारिक नीतियों का खामियाजा उठाना पड़ेगा। कोर्ट के आदेश से 70 हजार कर्मचारियों को प्रभावित होना पड़ सकता है। संभव है कि हाई कोर्ट के आदेश को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे परंतु आधार की खामियां अदालत बदलने से तो सही नहीं हो जाएंगी। याचिका में खुला आरोप लगाया गया था कि जातिगत आधार पर पदोन्नति देने का फैसला केवल राजनीतिक लाभ के लिए लिया गया था, व्यापक सामाजिक उत्थान की भावना से नहीं। इससे अन्य वर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति के मार्ग में अवरोध पैदा हो सकते हैं, सरकार को उनके हितों के बारे में भी विचार करना चाहिए था। सरकारें बदलना समस्या का समाधान नहीं, प्रवृत्ति व मानसिकता बदलने से ही बार-बार पैदा होने वाली असहज स्थिति से बचना संभव है। सरकार इस बारे में गंभीर मंथन करे। हर निर्णय को कानून की कसौटी पर परखने के बाद ही लागू करना चाहिए।                                                      djedtrl

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