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Sunday 2 July 2017

दो महीने बाद सरकारी स्कूलों में पहुंची किताबें, वे भी पूरी नहीं

** पुस्तकों की देखभाल की जिम्मेदारी टीचरों की, अधिकारी 3 4 जुलाई को करेंगे निरीक्षण
** पुस्तकों को व्यवस्थित रूप से रखने पर विद्यार्थियों को दिए जाएंगे दो प्रतिशत अतिरिक्त अंक
सोनीपत : ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद राजकीय स्कूलों में शनिवार से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत एक विशेष खुशी के साथ हुई। करीब दो महीने इंतजार करने के बाद विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए पुस्तकें मिल गईं, जिसे देख और हाथों में संभाल विद्यार्थी काफी खुशी दिखे। 

हालांकि अधिकांश स्कूलों में यह एक अधूरी खुशी की तरह थी, क्योंकि ज्यादातर स्कूलों में सभी विषयों की पुस्तकें नहीं पहुंच सकी हैं। किसी जगह कक्षा दूसरी तीसरी की पहुंची तो किसी जगह कक्षा पांचवीं छठी की। जिस कारण शिक्षकों के एक बड़े वर्ग के लिए लिए परेशानी अभी भी खत्म नहीं हुई है। क्योंकि जब तक पूरा सिलेबस नहीं आएगा विद्यार्थियों के साथ शिक्षक के लिए भी शिक्षण सहज नहीं होगा। दूसरी ओर पुस्तकों की निरंतर किल्लत को देखते हुए शिक्षा विभाग ने पुस्तकों के लिए भी नियम कायदे लागू कर दिए हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण विद्यार्थियों को शिक्षण सत्र की समाप्ति पर पुस्तकें वापस लौटानी होगी। यहां विशेष यह रहेगा कि जो विद्यार्थी साफ सुधरी पुस्तक वापस लौटाएगा उसे परीक्षा में दो प्रतिशत अधिक अंक दिए जाएंगे। पुस्तकों की देखभाल की जिम्मेदारी टीचरों की रहेगी। 
पुस्तकों की समीक्षा के लिए अधिकारी नियुक्ति 
शिक्षा विभाग पाठ्य पुस्तक वितरण की व्यापक समीक्षा भी करेगा। अधिकारियों को निरीक्षण के लिए शेड्यूल बनाकर अधिकारी की नियुक्ति की। जिसके तहत सेकेंडरी शिक्षा में उपनिदेशक जोगेंद्र हुड्डा की नियुक्ति की। ये अधिकारी स्कूलों में जाकर देखेंगे कि कहां कितनी पुस्तकें पहुंची हैं। वे तीन और चार जुलाई को विभिन्न स्कूलों का दौरा करेंगे। यहां परेशानी की बात यह है कि अधिकारी को सोनीपत के साथ ही पानीपत की भी जिम्मेदारी दी है, ऐसे में एक अधिकारी महज दो दिन में कैसे स्कूलों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार करेगा, यह भी सवाल बना हुआ है। 
क्या फिर दोबारा स्थगित होंगे मासिक टेस्ट? 
बोर्डकी ओर से पुस्तकें अभी भी पूरी नहीं पहुंच सकी हैं। देरी से पुस्तकें पहुंचने के कारण मासिक टैस्ट भी जुलाई तक स्थगित किए गए थे, ये टैस्ट 25 मई को किए जाने थे। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान संजीव मोर ने कहा कि यह निराशाजनक है कि जिले के अधिकांश स्कूलों में अभी तक पुस्तकें नहीं पहुंची है। ऐसी स्थिति में क्या कुछ कक्षाओं में पेपर होंगे और कुछ को फिर इंतजार करवाया जाएगा। 
सत्र शुरू होने से पहले पहुंचे तो रहे उचित
विदित हो कि राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8वीं के सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जातीं हैं, लेकिन लगातार तीसरे साल शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी विभाग विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित नहीं करवा सका। इस बार हालांकि ग्रीष्मावकाश के दौरान तीन जून को करीब 18 हजार पुस्तकें पहुंच गईं थीं और सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों, सभी स्कूलों के मुखियाओं को पुस्तकें पहुंचाने के निर्देश भी दिए गए, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
"इस बारे में सभी स्कूलों से रिपोर्ट मांगी गई है। कुछ स्कूलों ने भेजी है कुछ की अभी आनी बाकी हैं। जहां पुस्तकें नहीं पहुंची है वहां अगले सप्ताह तक पहुंचा दी जाएंगी।''
-- यानंद अांतिल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सोनीपत। 

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