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Monday 12 February 2018

पक्का करने की मांग को लेकर दिव्यांग गेस्ट टीचर ने बेटे समेत कराया मुंडन

** प्रदेशभर से आए हजारों गेस्ट टीचरों ने फव्वारा पार्क में समान काम समान वेतन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
** आठ घंटे प्रदर्शन के बाद बुलाया चंडीगढ़
** देर शाम प्रशासन की ओर से एसडीएम नरेंद्र पाल सिंह ने कमेटी के सदस्यों को सोमवार को चंडीगढ़ में मांगों को लेकर अोएसडी से बातचीत कराने का आश्वासन दिया। 
** साढ़े तीन साल से सीएम ने गेस्ट टीचरों के साथ नहीं की मीटिंग
करनाल : प्रदेशभर से आए हजारों गेस्ट टीचरों ने फव्वारा पार्क में समान काम समान वेतन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आठ घंटे तक शहर में प्रदर्शन किया। सरकार की ओर से मांगें न माने जाने के कारण दोपहर बाद शाम को सवा तीन बजे आईटीबीपी के जवान बलवंत सिंह की विधवा दिव्यांग पत्नी मैना व उसके बेटे चिराग ने मुंडन कराकर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। मुंडन के बाद हजारों गेस्ट टीचर ओएसडी निवास पर प्रदर्शन करते हुए पहुंचे। जहां इनेलो नेता जयप्रकाश कांबोज ने भी मुंडन कराते हुए कहा कि ये मुंडन राजनीति के लिए नहीं कराया है, बल्कि राजनीति के गिरते स्तर को लेकर किया है। देश के अध्यापक अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर बैठे हैं और सरकार सो रही है। देर शाम प्रशासन की ओर से एसडीएम नरेंद्र पाल सिंह ने कमेटी के सदस्यों को सोमवार को चंडीगढ़ में मांगों को लेकर अोएसडी से बातचीत कराने का आश्वासन दिया। जिसके बाद सभी गेस्ट टीचर वापस लौट गए।
इससे पहले प्रदर्शन के दौरान गेस्ट टीचरों ने मांगें न मानने पर रोषस्वरूप मुंडन कराने का ऐलान किया, लेकिन सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला। जिसके बाद गेस्ट महेंद्रगढ़ वासी टीचर मैना ने मुंडन कराते हुए ऐलान किया कि यदि सरकार ने समान काम समान वेतन की पॉलिसी लागू नहीं की तो वे सरकार से अपनी व बेटे की इच्छा मृत्यु का आग्रह करेगी। क्योंकि मेरे पास कोई पैसे कमाने का साधन नहीं है, किस प्रकार से अपना घर चलाऊंगी।
मैना ने बताया कि उसके पति बलवंत सिंह 56 प्लाटून विशाखापटनम आईटीबीपी में 1994 में भर्ती हुए थे। उनको 10 अक्टूबर 2016 को अपने पति की मृत्यु का संदेश मिला था। मुझे अभी तक भी यह पता नहीं चला कि मेरे पति की मृत्यु किस प्रकार हुई।
गेस्ट टीचरों के संयोजक पारस शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साढ़े तीन साल से अभी तक गेस्ट टीचरों के साथ एक भी बार मीटिंग नहीं की है। मुख्यमंत्री कभी कहते हैं, एसीएस के साथ मीटिंग करेंगे। इस मौके पर जिला करनाल के प्रधान विकास बत्तान गेस्ट टीचर ने कहा कि सीएम मीडिया में बयान देते हैं कि 6 हजार प्रदेशभर में गेस्ट टीचर हैं, बल्कि प्रदेश भर के 13 हजार 700 अतिथि अध्यापक हैं। मुख्यमंत्री को अपने प्रदेश के गेस्ट टीचरों की संख्या के बारे में ही नहीं पता नहीं वे मांगें कहां पूरी करेंगे।

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