*सीबीआइ अदालत ने एक दोषी को पांच वर्ष व शेष 45 दोषियों को चार साल की सजा सुनाई
*रोहिणी कोर्ट के बाहर समर्थकों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठी चार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़े
*अस्पताल में भर्ती होने के कारण सजा सुनाए जाते समय कोर्ट में मौजूद नहीं थे चौटाला
हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में रोहिणी जिला अदालत स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने दोषी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश सिंह चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला, दो आइएएस अधिकारियों संजीव कुमार, विद्याधर, विधायक शेर सिंह बड़शामी सहित नौ दोषियों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। एक दोषी पुष्कर वर्मा को पांच साल व अन्य 45 दोषियों को चार साल की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने से नाराज ओमप्रकाश चौटाला के समर्थकों ने रोहिणी कोर्ट के पास जमकर हंगामा किया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। जीबी पंत अस्पताल में भर्ती होने के कारण सजा सुनाए जाते वक्त ओम प्रकाश चौटाला कोर्ट में मौजूद नहीं थे।
मंगलवार को सुबह से ही रोहिणी कोर्ट के बाहर समर्थकों की भीड़ लग गई। जैसे-जैसे फैसले का वक्त नजदीक आ रहा था समर्थकों का उबाल बढ़ रहा था। समर्थक अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए और पुलिस पर पथराव व हंगामा शुरू कर दिया। समर्थकों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार सीबीआइ का दुरुपयोग कर रही है। समर्थकों के पथराव के कारण पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में करीब 10 राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ हटाने के लिए लाठी चार्ज किया। मौके पर अब भी तनाव बना हुआ है। वर्ष 1999-2000 में हुए 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती घोटाले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने विगत 16 जनवरी को ओमप्रकाश चौटाला सहित 55 आरोपियों को दोषी ठहराया था। उनकी सजा पर सुनवाई के बाद फैसले के लिए 22 जनवरी की तिथि तय की गई थी।
नौ लोगों को दस साल की सजा : पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, विधायक अजय सिंह चौटाला, आइएएस विद्याधर, संजीव कुमार, शेर सिंह बड़शामी, मदन लाल कालरा, दुर्गा दत्त प्रधान, बानी सिंह व दया सैनी को दस साल की सजा हुई।
एक को पांच साल की सजा : पुष्कर मल वर्मा को पांच साल की सजा हुई।
अन्य 45 को चार साल की सजा : प्रेम बहल, शशि मल्होत्रा, कृष्णा गुप्ता, ब्रह्मा नंद, विनोद कुमारी, मामन चांद, सावन लाल, कांता शर्मा, फूल खुराना, हरबंस लाल, राम सरन कुकरेजा, चांद सिंह वर्मा, योगेश कुमार शर्मा, अभिलाष कौर, शेर सिंह, अनार सिंह, कैलाश कौशिक, अजीत सिंह सांगवान, राम कौर, महावीर सिंह लाथर, नारायण सिंह रुहिल, कृष्णा लाल नारंग, उषा रानी, वीर भान मेहता, दिलबाग सिंह, राम कुमार, राम सिंह, शीश पाल सिंह, रेखा शर्मा, रक्षा जिंदल, जीत राम छोकर, निर्मला देवी, अमर सिंह, सुधा सचदेवा, दर्शन दयाल, सरोज शर्मा, तुलसी राम बागरा, ओम प्रकाश तिवारी, बिहारी लाल, राजेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, राजेंद्र पाल सिंह, सरवन कुमार चावला, उर्मिला शर्मा व जोगिंदर लाल को चार साल की सजा सुनाई गई।
*रोहिणी कोर्ट के बाहर समर्थकों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठी चार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़े
*अस्पताल में भर्ती होने के कारण सजा सुनाए जाते समय कोर्ट में मौजूद नहीं थे चौटाला
हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में रोहिणी जिला अदालत स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने दोषी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश सिंह चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला, दो आइएएस अधिकारियों संजीव कुमार, विद्याधर, विधायक शेर सिंह बड़शामी सहित नौ दोषियों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। एक दोषी पुष्कर वर्मा को पांच साल व अन्य 45 दोषियों को चार साल की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने से नाराज ओमप्रकाश चौटाला के समर्थकों ने रोहिणी कोर्ट के पास जमकर हंगामा किया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। जीबी पंत अस्पताल में भर्ती होने के कारण सजा सुनाए जाते वक्त ओम प्रकाश चौटाला कोर्ट में मौजूद नहीं थे।
मंगलवार को सुबह से ही रोहिणी कोर्ट के बाहर समर्थकों की भीड़ लग गई। जैसे-जैसे फैसले का वक्त नजदीक आ रहा था समर्थकों का उबाल बढ़ रहा था। समर्थक अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए और पुलिस पर पथराव व हंगामा शुरू कर दिया। समर्थकों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार सीबीआइ का दुरुपयोग कर रही है। समर्थकों के पथराव के कारण पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में करीब 10 राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ हटाने के लिए लाठी चार्ज किया। मौके पर अब भी तनाव बना हुआ है। वर्ष 1999-2000 में हुए 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती घोटाले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने विगत 16 जनवरी को ओमप्रकाश चौटाला सहित 55 आरोपियों को दोषी ठहराया था। उनकी सजा पर सुनवाई के बाद फैसले के लिए 22 जनवरी की तिथि तय की गई थी।
नौ लोगों को दस साल की सजा : पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, विधायक अजय सिंह चौटाला, आइएएस विद्याधर, संजीव कुमार, शेर सिंह बड़शामी, मदन लाल कालरा, दुर्गा दत्त प्रधान, बानी सिंह व दया सैनी को दस साल की सजा हुई।
एक को पांच साल की सजा : पुष्कर मल वर्मा को पांच साल की सजा हुई।
अन्य 45 को चार साल की सजा : प्रेम बहल, शशि मल्होत्रा, कृष्णा गुप्ता, ब्रह्मा नंद, विनोद कुमारी, मामन चांद, सावन लाल, कांता शर्मा, फूल खुराना, हरबंस लाल, राम सरन कुकरेजा, चांद सिंह वर्मा, योगेश कुमार शर्मा, अभिलाष कौर, शेर सिंह, अनार सिंह, कैलाश कौशिक, अजीत सिंह सांगवान, राम कौर, महावीर सिंह लाथर, नारायण सिंह रुहिल, कृष्णा लाल नारंग, उषा रानी, वीर भान मेहता, दिलबाग सिंह, राम कुमार, राम सिंह, शीश पाल सिंह, रेखा शर्मा, रक्षा जिंदल, जीत राम छोकर, निर्मला देवी, अमर सिंह, सुधा सचदेवा, दर्शन दयाल, सरोज शर्मा, तुलसी राम बागरा, ओम प्रकाश तिवारी, बिहारी लाल, राजेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, राजेंद्र पाल सिंह, सरवन कुमार चावला, उर्मिला शर्मा व जोगिंदर लाल को चार साल की सजा सुनाई गई।
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