.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Saturday, 5 January 2013

सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापक अभी दे सकेंगे सेवाएं

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अतिथि अध्यापकों के मामले में नया आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापक ही स्कूल में पढ़ा सकेंगे। सभी डीईओ व डीईईओ को जारी पत्र में इस आदेश को सख्ती से लागू कराने की हिदायत दी गई है। 
शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पत्र (4/43-2012 सीओ (4)) जारी कर अतिथि अध्यापक मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी। निदेशालय के पत्र के मुताबिक अब सरकारी स्कूलों में वही अतिथि अध्यापक सेवाएं दे सकेंगे, जो सर्वोच्च न्यायालय से स्टे लिए हुए हैं। हाई कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापकों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। स्कूलों में इस आदेश को सख्ती से तामिल कराने को लेकर पत्र की प्रति उपलब्ध करा दी गई है। इसके मुताबिक प्रधानाचार्य अतिथि अध्यापक को 31 दिसंबर 2012 की तिथि में रिलीव करने के बाद इसकी सूचना निदेशालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएंगे। सूचना न देने वाले स्कूल इंचार्जो के खिलाफ कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए वर्ष 2005 में अतिथि अध्यापकों की भर्ती की गई थी। भर्ती में अनियमितता को देखते हुए उपनिदेशक स्तर के अधिकारियों की 7 टीमें गठित की गईं। अक्टूबर 2010 में सौंपी गई रिपोर्ट में भर्ती में अनियमितता का मामला उजागर हुआ। इस पर पात्र शिक्षक संघ ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले अतिथि अध्यापकों को हटाने की मांग की। मामला हाई कोर्ट में चला गया तो उसने 719 अतिथि अध्यापकों को 31 दिसंबर तक हटाने का आदेश दे दिया। इस पर कुछ अतिथि अध्यापकों ने आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए स्टे प्राप्त कर लिया, जबकि कई इससे वंचित रह गए।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.