अंबाला शहर : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के मिड डे मील
में अब दूध भी दिया जाएगा। कैल्शियम व फास्फोरस की कमी को दूर करने के लिये
प्रत्येक विद्यार्थी के मिड डे मील में 200 ग्राम दूध शामिल रहेगा। मिड डे
मील में विद्यार्थियों को दूध देने की इस की घोषणा खुद सूबे के
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साल 2016 में की थी। बड़ी बात यह थी कि दो साल
बाद भी का क्रियान्वयन नहीं किया गया था।
सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाला प्रत्येक बच्चा
प्रति सप्ताह 600 मिलीलीटर दूध पी सकेगा। खंड शिक्षा अधिकारी सुधीर कालडा
ने इस विषय पर अध्यापकों के लिए पीकेआर जैन पब्लिक स्कूल में आयोजित एक
प्रशिक्षण शिविर में सांझा की। इसके साथ ही विद्यालयों के मिड डे मील
प्रभारियों को मीठा सुगंधित दूध तैयार करने के प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी
शुरू कर दी गई। इस मौके पर खंड शहर के सभी 184 विद्यालयों के 170 मिड डे
मील प्रभारियों को वीटा मिल्क प्लांट के गुणवत्ता नियंत्रक वाईपी सिन्हा और
विपणन सलाहकार राजीव कुमार द्वारा स्कूल के सभागार में इस बारे प्रशिक्षण
प्रदान किया गया। इस दौरान अध्यापकों को बताया गया कि बच्चों को दिये जाने
वाला दूध मिल्क पाउडर से तैयार किया जाएगा और 200 मिलीलीटर दूध बनाने के
लिये 20 ग्राम मिल्क पाउडर पर्याप्त रहेगा। लेखा कार्यकारी कुमारी रितु
बाला और मास्टर ट्रेनर जेबीटी अध्यापक मनोज कुमार ने अध्यापकों को बताया कि
विभागीय स्वचालित निगरानी प्रणाली पर मिड डे मील की दैनिक रिपोर्ट अपलोड
करने के लिए निर्देश दिए।
13 हजार लीटर दूध की खपत1 के तहत जिले में 13
हजार लीटर दूध की जरूरत है। जिले में 503 प्राइमरी और 317 मिडल स्कूलों में
मिड-डे मील की व्यवस्था होती है। 65 हजार विद्याíथयों के लिए मीड-डे मील
बनता है। प्रत्येक विद्यार्थी को के तहत 200 एमएल दूध दिया जाना है यानी
13 हजार लीटर दूध की खपत होगी।
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