डबवाली : तीन साल पहले प्रदेश में बेटी बचाने, बेटी पढ़ाने का नारा देने के
बाद भी बेटियां शिक्षण संस्थानों में भी महफूज नहीं हैं। हरियाणा राज्य
महिला आयोग का कहना है कि स्कूल, कॉलेज से लेकर यूनिवसिर्टी में पढ़ रही
बेटियों के साथ छेड़छाड़ एवं उन्हें तंग करने की घटनाएं होती रहती हैं,
जिससे उनकी पढ़ाई में बाधा आ रही है। मानसिक तौर पर प्रभाव पड़ रहा
है।
आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन तथा सदस्यों ने शिक्षण संस्थाओं का
दौरा करके ऐसी घटनाओं को नोट किया है। जिन पर तुरंत रोक लगाए जाने के
साथ-साथ छात्रओं की सुरक्षा के लिए कठोर कदमों की जरुरत है ताकि छात्रएं
अपनी पढ़ाई नियमित रूप से बिना डर के जारी रख सकें। संस्थानों को एक रणनीति
अपनी चाहिए। फिजिकल रिपोर्ट के बाद आयोग ने शिक्षण संस्थानों में छात्रओं
से छेड़छाड़, यौन शोषण की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए 11 उपाय सुझाते हुए
उन्हें लागू करने की सिफारिश उच्चत्तर शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग,
तकनीकी शिक्षा विभाग, औद्योगिक प्रशिक्षण के निदेशक के साथ-साथ हरियाणा के
पुलिस महानिदेशक
से की है।
"खानपुर में हेल्थ यूनिवर्सिटी, रोहतक में स्टेट यूनिवर्सिटी,
केयूके जैसे बहुत से शिक्षण संस्थान हैं, यहां छात्रओं के साथ गलत हरकतें
होती हैं। मैंने तथा आयोग के सदस्यों ने विजिट करके छात्रओं से बातचीत की
तो हमें इसका पता चला। स्टेट यूनिवर्सिटी में पूरे भारत के बच्चे पढ़ने आते
हैं। वहां पार्क बना हुआ है। जिसमें सरेआम मनचले घूमते हैं। छात्रएं
वाटसएप के जरिए शिकायतें भेजती रहती हैं। जिसके बाद हम गंभीर हुए। कई
शिक्षण संस्थानों में गए। पता चला कि छात्रओं की सुरक्षा का कोई प्रबंध
नहीं है। सीसीटीवी कैमरे तक नहीं है। बाहर गार्ड नहीं है। हालांकि भीतर
गार्ड हैं। स्टेट यूनिवसिर्टी की बात करें तो यूनिवर्सिटी बना दी, लेकिन
नजदीक कोई थाना या पुलिस चौकी नहीं बनाई। यहां तक की पीसीआर नहीं लगती।
आयोग ने शिक्षण संस्थानों में विजिट के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर ऐसी
घटनाएं रोकने के लिए सभी यूनिवर्सिटी तथा शिक्षण संस्थाओं को पत्र जारी
किया है।"-- प्रतिभा सुमन, चेयरपर्सन, हरियाणा राज्य महिला आयोग
हरियाणा राज्य
महिला आयोग की सिफारिशें
- शिक्षण संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
- बड़ी संस्थाओं में या आसपास पुलिस पोस्ट/बीट बॉक्स होने चाहिए
- प्रत्येक संस्था में सुरक्षा समिति बनाई जाए
- लड़कियों के लिए अलग से शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।
- शिक्षण संस्थानों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश केवल पूर्व अनुमति/प्रवेश पत्र के आधार पर होना चाहिए
- शिक्षण संस्थाओं में स्थापित महिला सैलों को भी छात्रओं की सुरक्षा में सक्रिय करना चाहिए
- शिक्षण संस्थाओं के बाहर महिला पुलिस तैनात रहनी चाहिए
- लड़कियों के हॉस्टल सुरक्षित होने चाहिए और वहां सीसीटीवी कैमरे, चार दीवारी और खिड़कियां आदि लगी होनी चाहिए।
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