कैथल : नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए शुरू किए गए व्यावसायिक कोर्सो
के प्रति स्कूल प्रमुख लापरवाह हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष का महज डेढ़ माह
शेष है और प्रदेश के 21 जिलों में इन प्रोजेक्ट के लिए जारी राशि का आधा
भी खर्च नहीं हो पाया है। इस सत्र के लिए 11 करोड़ 40 लाख 20 हजार 500
रुपये दिए गए थे, जिनमें से पांच करोड़ 42 लाख 07077 रुपये बची हुई है।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद (एचएसएसपीपी) की ओर से विद्यार्थियों
को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्कूली स्तर पर कुछ कोर्स शुरू किए गए हैं।
इनमें रिटेल सेक्टर से लेकर ब्यूटी एंड वेलनेस तक शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट
के प्रति लापरवाही को देखते हुए परिषद ने सभी जिला प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर
से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। उन्हें बताना होगा कि साढ़े दस माह बीत जाने
के बाद भी बजट इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ? कहा गया है कि सात दिन के भीतर
रिपोर्ट मिल जानी चाहिए, क्योंकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय को
भेजा जाना है।
एक लाख विद्यार्थी पंजीकृत :
प्रदेश भर के सीनियर सेकेंडरी
स्कूलों में यह प्रोजेक्ट चल रहा है। इन कोर्सो में एक लाख 35 हजार
विद्यार्थियों को पंजीकरण करने का लक्ष्य था, जिनमें एक लाख सात हजार से
ज्यादा छात्र पंजीकृत हुए हैं। 2250 से ज्यादा शिक्षक व प्रशिक्षकों को
विभिन्न कोर्सेज के प्रशिक्षण के लिए लगाया गया है।
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