भिवानी: खसरा आज भी जानलेवा बना हुआ है। देशभर में एक साल में करीब 50 हजार
बच्चों की जान ले लेता है। अब रूबेला वायरस भी बच्चों की सेहत के लिए
खतरनाक साबित होने लगा है। एक ही प्रकार के लक्षणों वाली इन दोनों
बीमारियों से अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग व सरकार ने
कमर कसनी शुरू कर दी है।
इन दोनों गंभीर बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य
विभाग अलर्ट हो गया है और बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाने जा रहा है।
इस अभियान में आंगनबाड़ी व स्कूली बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए नए
शिक्षा सत्र शुरू होते ही यह अभियान चलाया जाना है। अधिकारियों ने यह भी
योजना बनाई है कि टीकाकरण अभियान चलाने से पहले जागरूकता अभियान भी चलाया
जाए।
रूबेला एक वायरस है, जो गर्भवती माताओं के जरिये बच्चों में फैलता है
:
शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॅ. रवि भीष्म कहते हैं कि खसरे का उपचार हो
जाता है। हमारे यहां खसरा इतना गंभीर नहीं है। हालांकि रूबेला वायरस गंभीर
है। इससे डबल निमोनिया हो जाता है और बच्चों की जान भी जा सकती है। इससे
बच्चे के मुंह व शरीर पर बड़े-बड़े दानों के निशान बन जाते हैं। खसरा में
दाने जैसे निशान छोटे होते हैं।
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