चंडीगढ़ : लाठीचार्ज और पानी की बौछारें ङोलने के बाद अब प्राथमिक शिक्षकों
की निगाहें मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता पर टिक गई हैं। बुधवार को
प्रस्तावित बातचीत में मांगों पर सहमति नहीं बनी तो अध्यापक संघ विधानसभा
घेराव के साथ ही आमरण अनशन शुरू कर देगा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष तरुण
सुहाग, सुरेश लितानी, जितेंद्र कुंडू व सुनील बास ने कहा कि मांगों को लेकर
शिक्षक जिला स्तर से निदेशक व ओएसडी तक से कई बार मिल चुके हैं, लेकिन कोई
सुनवाई नहीं हुई। जब तक स्कूलों में छात्रों से संबंधित बुनियादी दिक्कतों
को दूर नहीं किया जाता, शिक्षा स्तर में सुधार नहीं किया जा सकता। पाठ्य
पुस्तकों की आपूर्ति वर्तमान छात्र संख्या के आधार पर हो और यूनिफार्म
ग्रांट को
एसएमसी के खातों में डाला जाए। दो सत्रों से रुका मासिक छात्रवृत्ति भत्ता
और स्कूल बैग व स्टेशनरी की राशि जारी कर शिक्षकों की गैर शिक्षण ड्यूटी
बंद की जाए।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों की सर्विस मैटर
से संबंधित समस्याओं यथा पदोन्नति, ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव, अंतर जिला
स्थानांतरण नीति में संघ के सुझाव, प्राथमिक शिक्षकों के 16,290 के वेतनमान
को पूरे राज्य में लागू करने सहित अन्य मुद्दों पर तुरंत ठोस कदम उठाए
जाएं।
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