नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से कहा कि क्यों न कोर्ट के फैसले का पालन
नहीं करने के आरोप में आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने यूजीसी और डीयू को इस पर अपना जवाब दाखिल
करने के लिए नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई 14 मई को होगी। हाई
कोर्ट ने गत वर्ष यूजीसी को चार माह के भीतर डीयू समेत सभी
विश्वविद्यालयों में छात्रों की शिकायतों के निस्तारण के लिए एक प्रणाली
स्थापित करने तथा लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश दिया था। साथ ही डीयू को
2012 के यूजीसी के शिकायत निवारण नियमों के प्रावधानों के तहत आवश्यक कदम
उठाने और लोकपाल नियुक्त करने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन करने में
यूजीसी और डीयू दोनों विफल रहे। इसके बाद कोर्ट ने जवाब तलब करते हुए
यूजीसी व डीयू को नोटिस जारी किया है। 1याचिकाकर्ता ब्रजेश सिंह ने याचिका
में आरोप लगाया है कि यूजीसी और डीयू ने तीन फरवरी 2017 के कोर्ट के आदेश
की जानबूझकर अवहेलना की है। उनका कहना है कि छात्रों की शिकायतों के निवारण
के लिए लोकपाल की नियुक्ति करने या फिर शिकायत निवारण समितियों (जीआरसी)
का गठन नहीं करना छात्रों को मिले अधिकारों का हनन है।
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