भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की कक्षा छह से लेकर 12 तक की
इतिहास की पुस्तकें अब बोर्ड खुद अपने पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार कराएगा।
अभी तक इन पुस्तकों में पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शैक्षिक एव अनुसंधान परिषद
(एनसीईआरटी) द्वारा तैयार किया होता था। इस संबंध में शिक्षा विभाग के
अतिरिक्त प्रधान सचिव ने भी सहमति की मुहर लगा दी है। अगले शिक्षा सत्र
2019-20 से बोर्ड की इतिहास की पुस्तकें पाठ्यक्रम में शामिल हो जाएंगी।
सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में शिक्षा विभाग व शिक्षा बोर्ड के
उच्चाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हाल ही में चंडीगढ़ में हुई थी। इस
बैठक में तय किया गया कि छठीं से बारहवीं कक्षा की इतिहास विषय की पुस्तकों
का पाठ्यक्रम बोर्ड स्वयं तैयार कराए। अभी तक पाठ्यक्रम एनसीईआरटी का होता
था और पुस्तकों का प्रकाशन बोर्ड करवाता था। इसलिए हरियाणा विद्यालय
शिक्षा बोर्ड को एनसीईआरटी को रायल्टी भी देनी पड़ती थी। पाठ्यक्रम तैयार
कराने के लिए बोर्ड विशेषज्ञों की कमेटी गठित करेगा। जाहिर है कि इस बदलाव
से प्रदेश के लाखों छात्र नया पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। संभव है कि सल्तनत काल और
मुगल काल के इतिहास पर कुछ अलग हो। पृथ्वीराज चौहान और महाराणा प्रताप
जैसे वीर पुरुषों के महत्व को भी रेखांकित किया जा सकता है।
इतिहास का पाठ्यक्रम बोर्ड तैयार कराएगा: चेयरमैन
हरियाणा विद्यालय शिक्षा
बोर्ड के चेयरमैन डॉ.जगबीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि
अभी तक हम एनसीइआरटी को सिलेबस तैयार करने की एवज में रायल्टी देते आ रहे
हैं। अब शिक्षा विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव व बोर्ड प्रशासन ने तय किया
है कि इतिहास का सिलेबस बोर्ड तैयार करवाए। अभी यह तय नहीं है कि इतिहास
विषय में क्या बदलाव होना है।
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