** नवंबर 2017 को कराया गया नेशनल अचीवमेंट सर्वे, कक्षाओं के 90 विद्यार्थी सर्वे में हुए शामिल
** लड़कों के मुकाबले में सरकारी स्कूलों में लड़कियां
पानीपत : सामान्य वर्ग के बच्चों का सरकारी व एडिड स्कूलों में पढ़ने का
रुझान नहीं है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ
है। इन स्कूलों में अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के अभिभावक ही अपने बच्चों
को शिक्षा दिला रहे हैं। राजकीय विद्यालयों में जनरल कैटेगरी के बच्चों की
संख्या औसतन 16-18 फीसद है।
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण
परिषद् की देखरेख में बच्चों का लर्निग लेवल जानने के लिए नवंबर 2017 को
देशभर के चयनित स्कूलों में नेशनल अचीवमेंट सर्वे कराया गया था। पानीपत
जिले में कराए गए सर्वे में तीसरी, पांचवीं व आठवीं कक्षा के 90 बच्चे
शामिल हुए। सर्वे की जो रिपोर्ट कार्ड तैयार की गई उसके आंकड़े चौंकाने
वाले हैं। लड़कों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में लड़कियों की संख्या अधिक
है। पूर्व निर्धारण किए बिना चयनित स्कूलों में 636 छात्रएं (53:45 फीसद)
शामिल हुईं। आबादी के हिसाब से प्रदेश की जनसंख्या में 50 फीसद सामान्य
वर्ग, 19.5 फीसद अनुसूचित जाति व लगभग 30 फीसद पिछड़ी जातियों के लोग हैं।
लेकिन रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक तीसरी, पांचवीं व आठवीं कक्षा में सामान्य
वर्ग के औसतन 16.57 फीसद ही बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। ओबीसी
का आंकड़ा 43.49 फीसद तथा एससी का 36.42 फीसद है।
शिक्षा में खामियों पर
उठा सवाल
मानव संसाधन विकास मंत्रलय के अधीन कार्य करने वाली एनसीईआरटी की
उपलब्धि सर्वे रिपोर्ट ने स्कूलों के इंचार्ज, विभागीय अधिकारी व शिक्षा
व्यवस्था की खामियों पर सवाल खड़ा कर रहा है।
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