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Thursday, 23 January 2014

प्राइवेट स्कूलों के बैंक अकाउंट चेक करेगी कमेटी

** प्राइवेट स्कूल बिना परमिशन के बढ़ा रहे हैं फीस 
** कमेटी की चेयरपर्सन रिटायर्ड जस्टिस किरण आनंद लाल ने कहा-            अकाउंट चेक कर पता लगाएंगे, कितनी फीस ले रहे हैं प्राइवेट स्कूल 
हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में मनमर्जी से फीस में की जा रही बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित कमेटी पंचकूला के सभी प्राइवेट स्कूलों के बैंक अकाउंट चेक करेगी। यह बात कमेटी की चेयरपर्सन रिटायर्ड जस्टिस किरण आनंद लाल ने कही है।
जस्टिस लाल ने बताया कि जब तक कोई स्कूल कमेटी से फीस बढ़ाने की परमिशन नहीं लेगा, तब तक कमेटी को पता नहीं चल पाएगा कि स्कूलों ने कितनी फीस बढ़ाई है। यही जानने के लिए कमेटी ने जिले के हर स्कूल के बैंक अकाउंट चेक करने का फैसला किया है। स्कूलों के अकाउंट चेक कर कमेटी पता लगाएगी कि स्कूल बच्चों से कितनी फीस ले रहा है और क्या उस फीस के हिसाब से बच्चों को सुविधाएं भी दी जा रही हैं या नहीं। ऐसे में यह पता लगाया जा सकेगा कि स्कूल द्वारा फीस में की जा रही बढ़ोतरी जायज है या नहीं। 
पब्लिक ने जिला प्रशासन तक पहुंचाया मुद्दा: 
प्राइवेट स्कूलों द्वारा नए सत्र से मनमर्जी से फीस में बढ़ोतरी करने का मुद्दा सबसे पहले पंचकूला भास्कर ने उठाया था। उसके बाद शहर के लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और मुद्दा जिला प्रशासन तक पहुंचाया। जिले की कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी इसमें पब्लिक का साथ दिया और स्कूलों द्वारा मनमर्जी से फीस में की जा रही बढ़ोतरी को नाजायज बताया। 
डीसी के निर्देश पर डीईओ ने भेजे हैं प्राइवेट स्कूलों को नोटिस: 
जिले के प्राइवेट स्कूलों ने नए सत्र से फीस में 10 परसेंट बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। प्राइवेट स्कूलों द्वारा हर साल मनमाने ढंग से फीस में की जा रही बढ़ोतरी के विरोध में शहर के लोगों और संस्थाओं ने आवाज उठाई और इसकी शिकायत डीसी से की थी। डीसी ने डीईओ को निर्देश दिए थे कि वे प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजकर पूछें कि वे किसकी परमिशन से फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं और फीस किस आधार पर बढ़ाई जा रही है। अगर कोई स्कूल बिना परमिशन के फीस में बढ़ोतरी कर रहा है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाए। डीसी के निर्देश के बाद डीईओ ने सभी प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी किए थे। 
'कमेटी में कम हैं मेंबर, न सुविधाएं, ऑफिस भी नहीं' 
जस्टिस किरण आनंद लाल ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित कमेटी में सिर्फ तीन मेंबर हैं। उन्हें काम करने के लिए मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई गई हैं। यहां तक कि कमेटी को कोई ऑफिस भी नहीं दिया गया। फिर भी कमेटी में कुछ प्राइवेट मेंबर्स रखे गए हैं और कमेटी हाईकोर्ट के निर्देशानुसार काम कर रही है। उनका कहना है कि कमेटी को काम करने के लिए उचित इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलना चाहिए। 
पंचकूला के ज्यादातर प्राइवेट स्कूल सीबीएसई से और कुछ आईसीएसई से एफिलिएटेड हैं। कोई भी स्कूल फीस बढ़ाने के लिए संबंधित बोर्ड से अनुमति नहीं लेता। इस बारे में सीबीएसई के रीजनल ऑफिसर आरजे खांडेराव पहले ही बता चुके हैं कि स्कूलों की फीस बढ़ाने की अनुमति सीबीएसई द्वारा नहीं दी जाती। पंचकूला के प्राइवेट स्कूल 1500 से 5000 रुपए तक प्रतिमाह फीस वसूल रहें हैं। इसके अलावा 10 हजार से 55 हजार रुपए तक एनुअल चार्ज लिए जा रहे हैं। 
फीस बढ़ाने के कारणों की स्टडी करना है कमेटी की जिम्मेदारी 
प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमर्जी से फीस में की जा रही बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर 9 अप्रैल 2013 को रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी को स्कूलों में फीस बढ़ाए जाने के कारणों की स्टडी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह भी कहा गया था कि अगर यह पाया जाता है कि किसी स्कूल ने फीस में जरूरत से ज्यादा बढ़ोतरी की है या फीस के अनुसार स्कूल में सुविधाएं नहीं दी जा रहीं तो उस स्कूल को फीस रिफंड करने को कहा जाए।                                   dbpnkl  

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