चंडीगढ़ : वर्ष 2000 में नियुक्त जूनियर बेसिक ट्रेंड टीचर (जेबीटी) मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डबल बेंच ने एकल बेंच के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। उसने कहा है कि सरकार अपने विवेक के आधार पर कोई फैसला ले।
मालूम हो कि हाई कोर्ट की एकल बेंच ने वर्ष 2000 में नियुक्त किए गए 3206 जेबीटी में से 2985 शिक्षकों की नियुक्ति रद कर दी थी। इसके खिलाफ दायर अपील पर बुधवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस जसबीर सिंह व एचएस सिद्धू पर आधारित खंडपीठ ने एकल बेंच के आदेश पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी। डबल बेंच ने कहा कि इन टीचरों को नियुक्त हुए करीब चौदह साल हो गए हैं। अगर इनको सीधे तौर पद हटाया जाता है तो इनके परिवार प्रभावित होंगे। बेंच ने हरियाणा सरकार से कहा कि वह इस समस्या का समाधान निकाले। या तो इनको राहत देते के लिए कोई नीति बनाई जाए या कोई अन्य समाधान किया जाए। बेंच ने 4 फरवरी तक इस मामले में जवाब देने के लिए सरकार को समय दिया है।
मालूम हो कि 8 जनवरी को अपने फैसले में एकल बेंच ने जेबीटी भर्ती को रद करते हुए नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था। जस्टिस के कन्नन ने अपने तीस पेज के फैसले में आदेश जारी होने के बाद चार सप्ताह के भीतर इन पदों पर भर्ती के लिए नए सिरे से मैरिट लिस्ट तैयार करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने सिर्फ 221 शिक्षकों की नियुक्ति को सही करार दिया था। dj
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