** 15 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों का लिया गया टेस्ट
चंडीगढ़ : हरियाणा के ग्रामीण स्कूलों में बच्चों का पढ़ाई स्तर बेहद नीचा है। यह दावा असर नाम की संस्था ने किया है। असर के रीजनल हेड मोहित मिश्रा और स्टेट कोऑर्डिनेटर नीरज वर्मा ने बुधवार को यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि सूबे के 15 हजार से ज्यादा ग्रामीण स्कूली बच्चों का टेस्ट लिया। इनमें सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के बच्चे शामिल थे। सब बच्चों से एक जैसा टेस्ट लिया गया। सर्वेक्षण में पाया गया कि हरियाणा के ग्रामीण सरकारी स्कूलों के पहली कक्षा के 27 फीसदी बच्चों को अक्षर ज्ञान नहीं है। सिर्फ 31 फीसदी बच्चे अक्षर पढ़ सकते हैं। केवल 23 फीसदी बच्चे दो अक्षरों के शब्द को पढ़ सकते हैं। केवल 10 फीसदी बच्चे छोटा पैरा पढ़ सकता हैं और इससे थोड़ा बड़ा पैरा सिर्फ आठ फीसदी ही पढ़ सकते हैं। दूसरी कक्षा के 13.5 फीसदी बच्चे अक्षर ही नहीं पहचानते। सिर्फ 25.8 फीसदी बच्चे अक्षर पढ़ लेते हैं और 19 फीसदी शब्द पढ़ लेते हैं। गांवों के 25 फीसदी स्कूलों में पेयजल नहीं है, हालांकि इन स्कूलों में नल, टोंटियां और पाइप लाइन दबी है, मगर पानी उपलब्ध नहीं है। इतने ही स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं हैं। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सरकारी स्कूलों से बहुत अच्छा है और लगातार तीन साल से एक जैसा बना हुआ है। au
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