.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Saturday, 25 January 2014

नेट पास होंगे तभी बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर


** 1396 रिक्तियों के लिए मांगे आवेदन 
** यूजीसी नियम के विरुद्ध सरकार का फैसला नहीं उतर रहा गले                        राज्य सरकार ने पीएचडी करने के बाद सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे छात्रों को बड़ा झटका दिया है। 1396 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए मांगे गए आवेदन में साफ कहा है कि नेट (नेशनल एलीजीबिलिटी टेस्ट) या स्लेट (स्टेट लेवल एलीजीबिलिटी टेस्ट) पास होना अनिवार्य है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों पीएचडी डिग्रीधारकों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। यूजीसी के नियम के विरुद्ध सरकार का अपना नियम किसी के गले नहीं उतर रहा।
राज्य लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को अपनी साइट पर प्रदेशभर के सरकारी कॉलेजों में खाली असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए 1396 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। मांगे गए इस आवेदन में साफ कहा गया है कि इन पदों के लिए सिर्फ वही आवेदन कर सकते हैं जो नेट या स्लेट टेस्ट पास कर चुके हैं। सिर्फ पीएचडी की डिग्री लेने वाले इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर में हजारों पीएचडी डिग्री धारकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
वहीं यूजीसी ने अपनी गाइड लाइन में कहा है कि जिनकी पीएचडी यूजीसी के नियम 2009 के है उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आवेदन के लिए नेट टेस्ट पास करना जरूरी नहीं है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी यूजीसी के ही नियम को लागू किया जा रहा है। दिसंबर 2013 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए जो आवेदन में मांगे थे उसमें पीएचडी डिग्री धारकों को पात्र माना गया था। सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में भी यूजीसी का ही नियम लागू है। ऐसे में सिर्फ सरकारी कॉलेजों के लिए नेट की अनिवार्यता किसी के गले नहीं उतर रही है। सरकार के इस फैसले का असर शोध कार्यों पर भी पड़ेगा।
पीएचडी की डिग्री लेकर नौकरी की तलाश कर रहे डॉ. विनय, डॉ. मुख्तियार सिंह, डॉ. टोनी, डॉ. उमेश मलिक, डॉ. नीतू, डॉ. बलदेव, डॉ. रविश कुमार, डॉ. मनजीत, डॉ. नीतू, डॉ. निधि, डॉ. रमेश, डॉ. जितेंद्र, डॉ. प्रतीका, डॉ. सुभाष व डॉ. जोगेश ने कहा कि सरकार का यह नया नियम उन जैसे पीएचडी धारकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि उनका प्रतिनिधि मंडल इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलेगा। फिर भी बात नहीं बनी तो वे इसके खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। 
एआइफुक्टो में उठाएंगे : प्रो. शर्मा 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के प्रधान प्रो. एचके शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से नए विद्यार्थी शोध कार्यो से विमुख होंगे। राज्य सरकार शोध को बढ़ावा देना चाहती है तो इस फैसले को वापिस लेना होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले को प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर एआइफुक्टो के समक्ष उठाएंगे।                     djkkr

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.