जींद : पूरे वर्ष मेहनत करने के बाद भी नैया पार नहीं हुई तो सभी छात्रों ने स्कूल से मुंह मोड़ लिया । स्कूल में मुख्याध्यापक का पद रिक्त था। पिछले वर्ष 10वीं कक्षा का परिणाम शून्य आने पर स्कूल एवं शिक्षा विभाग की किरकरी हुई और ग्रामीणों ने रोष भी व्यक्त किया। करीब 6 माह पहले हाई स्कूल,डूमरखां को नया मुखिया तो मिल गया, लेकिन आज भी शिक्षकों के 2 पद रिक्त पड़े हैं।
पिछले वर्ष विद्यालय की 10वीं कक्षा में मात्र 8 ही छात्र थे,जो सभी फेल हो गये और फेल होने के बाद उन्होंने इस स्कूल में दोबारा से दाखिला लेना उचित नहीं समझा और अन्य स्कूलों में चले गये। इस स्कूल में आज भी विज्ञान और एस.एस.विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसके बावजूद छात्रों को इन विषय की पढ़ाई भी अन्य शिक्षकों द्वारा करवाई जा रही है। मुख्याध्यापक करतार सिंह ने बताया कि उनके विद्यालय के एक जेबीटी शिक्षक बी.एससी उतीर्ण हैं। उनके द्वारा छात्रों को विज्ञान विषय पढ़वाया जा रहा है। इसी प्रकार विद्यालय में मिडल हेड के पद पर कार्यरत शिक्षक द्वारा छात्रों को एस.एस.विषय की शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में छात्रों को शिक्षकों की कमी महसूस नहीं होने दी जा रही।
स्कूल के मुख्याध्यापक करतार सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष जीरो प्रतिशत रिजल्ट क्यों आया,इस पर वे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि वे पिछले वर्ष यहां कार्यरत नहीं थे। लेकिन स्कूल की 10वीं कक्षा का जीरो प्रतिशत रिजल्ट आना उनके लिए गहन मंथन का विषय था। अब 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम में 100 प्रतिशत आया है। dt
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