.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Tuesday, 28 January 2014

कुलपति, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य और परीक्षा नियंत्रक पर केस दर्ज

** मस्तनाथ विवि में पॉलिटेक्निक दाखिले पर कोर्ट का आदेश 
** कुलपति बोले, विवि के पास कोर्स की पूरी मान्यता 
** पॉलिटेक्निक कोर्स के छात्र की याचिका पर कार्रवाई 
रोहतक : श्री बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय प्रशासन मुश्किल में आ गया है। विवि में पॉलिटेक्निक कोर्स की मान्यता और दाखिले को लेकर रेवन्यू कॉलोनी के एक छात्र की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विवि के कुलपति, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य और परीक्षा नियंत्रक पर केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश पर अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने कुलपति डॉ. मारकंडेय आहूजा, पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य ओमप्रकाश धींगड़ा, मैकेनिकल शाखा की विभागाध्यक्ष कविता विज और परीक्षा नियंत्रक एवं कैशियर मनोज राठी के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागजात तैयार करने और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया है। 
वहीं, विवि के कुलपति ने आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि महत्वपूर्ण तथ्य अदालत से छुपाए गए हैं। वे न केवल पुलिस जांच में सहयोग करेंगे, बल्कि अदालत को भी पूरे तथ्यों से अवगत कराएंगे। 
यह था मामला: 
कोर्ट में दायर याचिका में रेवेन्यू कॉलोनी निवासी राहुल सैनी ने आरोप लगाया है कि वह मस्तनाथ विवि के पॉलिटेक्निक कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेने के लिए पहुंचा। उसे बताया गया कि कोर्स को हरियाणा तकनीकी शिक्षा बोर्ड, पंचकूला से मान्यता मिली हुई है। साथ ही विवि सभी शर्तों और नियमों को पूरा करता है। 8 जुलाई 2012 को उसने कोर्स में दाखिला ले लिया। इसके लिए 5 हजार रुपए की फीस की रसीद काटी गई। दिसंबर 2012 में पंचकूला बोर्ड की डेटशीट के तहत उनकी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा नहीं करवाई गई। दबाव देने पर जो रोल नंबर 1725 दिया गया, वह चार अंक का है। उन्हें शक है कि फर्जी तरीके से रोल नंबर तैयार किए गए हैं, क्योंकि बोर्ड की ओर से चार अंक के रोल नंबर नहीं जारी किए जाते। विरोध जताया तो उसे व उसके पिता दलबीर को जान से मारने की धमकी दी गई। 
कुलपति बोले-अदालत से तथ्य छुपाए गए 
श्री बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. मारकंडेय आहूजा का कहना है कि विवि को पॉलिटेक्निक कोर्स चलाने के लिए पूरी मान्यता मिली हुई है। दूसरा, साथ ही याचिकाकर्ता के साथ सिविल केस भी चल रहा है, जिसका अभी तक फैसला नहीं हुआ है। तीसरा मामला जुलाई 2012 का है, जबकि उन्होंने दिसंबर 2012 में वीसी के तौर पर कार्यभार संभाला था। उनके वकील पुलिस का जांच में पूरा सहयोग करेंगे। साथ में अदालत को सभी तथ्यों से अवगत कराएंगे। 
पुलिस ने नहीं सुनी तो कोर्ट का लिया सहारा 
याचिका में छात्र ने बताया कि उसने मामले को लेकर अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। आखिरकार 17 जनवरी को जेएमआईसी कोर्ट में याचिका दायर की। अब कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 506 व 34 के तहत केस दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। 
विवि से रिकॉर्ड तलब करेगी पुलिस 
"विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर दाखिले के समय का सारा रिकॉर्ड मांगा जाएगा। वहीं, मामले में आरोपी बनाए गए व्यक्तियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। जो भी दोषी होगा, जांच में ये स्पष्ट हो जाएगा "--पुष्पा खत्री, डीएसपी                                                                      db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.