कुरुक्षेत्र : हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) शुरू से ही विवादों से घिरी रही है और इसकी पारदर्शिता पर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं। कभी योग्यता संबंधी भ्रम पर तो कभी पात्र उम्मीदवारों के चयन पर। ऐसा ही कुछ इस बार भी देखने को मिल रहा है। परीक्षा व उसके बाद होने वाले चयन में गड़बड़ी को रोकने के लिए जहां पहले फार्म भरते समय उम्मीदवार के अंगूठे का निशान स्केन करना अनिवार्य था, वहीं इस बार इससे छूट दे दी गई है। राज्य सरकार के इस कदम पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड, भिवानी के सचिव की माने तो उम्मीदवार के अंगूठे का निशान परीक्षा केंद्र में लिया जाएगा। लेकिन इसमें कुछ नया नहीं है, पहले भी ऐसा होता रहा है। लेकिन, नियुक्ति के समय अंगूठे के निशान का कैसे मिलान किया जाए, इसका सही जवाब उनके पास भी नहीं था।
इनेलो सरकार के समय जेबीटी अध्यापकों की भर्ती में हुई गड़बड़ी के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद अध्यापक पात्रता परीक्षा व भर्ती में गड़बड़ी को रोकने कई कदम उठाए गए। इसके तहत वर्ष 2008 में एचटेट का परीक्षा फार्म भरते समय परीक्षार्थी का अंगूठे का निशान भी स्केन कर फार्म पर लगाया गया।
इस परीक्षा की मेरिट के आधार पर वर्ष 2011 में हुई जेबीटी भर्ती में लगभग नौ हजार अध्यापकों की भर्ती हुई थी। हालांकि इस भर्ती पर भी सवाल उठाए गए तथा एक व्यक्तिद्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि जिन लोगों की भर्ती की गई है क्या उनके अंगूठे के निशान का मिलान किया गया है जो कि एचटेट परीक्षा फार्म भरने के समय लिया गया था।
इसके बाद सरकार द्वारा कराई गई जांच में बड़ी संख्या में हेरफेर पाया गया। 2700 अध्यापकों के अंगूठे के निशान नहीं मिले हैं तथा 125 तो पूरी तरह गलत पाए गए हैं। इसको लेकर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे। 1 व 2 फरवरी को होने वाली एचटेट की परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन लेते समय आवेदकों के अंगूठे का निशान नहीं लिया गया। ऐसे में गड़बड़ी होने की आशंका और बढ़ गई है। इससे सरकार की नीयत पर भी सवाल उठ रहा है।
प्रदेश सरकार की नीयत साफ नहीं : गोयल
राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जवाहरलाल गोयल ने कहा कि अंगूठे के निशान की छूट देना सरकार की नीयत पर संदेह पैदा करता है। पहले भी परीक्षा केंद्र पर हस्ताक्षर के साथ अंगूठे का निशान लिया जाता रहा है। सिर्फ एक जगह अंगूठे का निशान होने से मिलान किस तरह से होगा। सरकार की यह चाल कहीं प्रदेश के कुछ विशेष क्षेत्रों के लोगों को लाभ पहुंचाने की योजना तो नहीं है जैसा कि पहले भी देखा गया है।
नहीं होगी गड़बड़ी :
राज्य शिक्षा बोर्ड भिवानी के सचिव डॉ. अंसज सिंह से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान या बाद में किसी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। केवल आवेदन के समय अंगूठे के निशान से छूट दी गई है। परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों के अंगूठे का निशान लिया जाएगा। किसी गड़बड़ी की आशंका पर सिर्फ एक जगह पर अंगूठे का निशान होने से किस तरह मिलान किया जाएगा, इस बारे में उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। dj
इसके बाद सरकार द्वारा कराई गई जांच में बड़ी संख्या में हेरफेर पाया गया। 2700 अध्यापकों के अंगूठे के निशान नहीं मिले हैं तथा 125 तो पूरी तरह गलत पाए गए हैं। इसको लेकर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे। 1 व 2 फरवरी को होने वाली एचटेट की परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन लेते समय आवेदकों के अंगूठे का निशान नहीं लिया गया। ऐसे में गड़बड़ी होने की आशंका और बढ़ गई है। इससे सरकार की नीयत पर भी सवाल उठ रहा है।
प्रदेश सरकार की नीयत साफ नहीं : गोयल
राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जवाहरलाल गोयल ने कहा कि अंगूठे के निशान की छूट देना सरकार की नीयत पर संदेह पैदा करता है। पहले भी परीक्षा केंद्र पर हस्ताक्षर के साथ अंगूठे का निशान लिया जाता रहा है। सिर्फ एक जगह अंगूठे का निशान होने से मिलान किस तरह से होगा। सरकार की यह चाल कहीं प्रदेश के कुछ विशेष क्षेत्रों के लोगों को लाभ पहुंचाने की योजना तो नहीं है जैसा कि पहले भी देखा गया है।
नहीं होगी गड़बड़ी :
राज्य शिक्षा बोर्ड भिवानी के सचिव डॉ. अंसज सिंह से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान या बाद में किसी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। केवल आवेदन के समय अंगूठे के निशान से छूट दी गई है। परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों के अंगूठे का निशान लिया जाएगा। किसी गड़बड़ी की आशंका पर सिर्फ एक जगह पर अंगूठे का निशान होने से किस तरह मिलान किया जाएगा, इस बारे में उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। dj
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