गोहाना : महमूदपुर गांव स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के कुछ टीचरों ने प्राचार्य पर दबाव बनाने के लिए बाहरी लोगों को बुलाकर रिवाल्वर दिखाने और स्टाफ के साथ दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया है।
मंगलवार सुबह स्टाफ स्कूल में पहुंचा, लेकिन कुछ टीचरों और प्राचार्य के बीच फिर से विवाद हो गया। टीचरों ने कक्षाएं छोड़ दी। इसकी सूचना डीईओ को दी गई। पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल में पहुंच गए और मामले को सुलझाने में जुट गए। कुछ टीचर सुरक्षा की मांग पर अड़े हुए थे। बाद में मामला बिगड़ते देख गांव के सरपंच और अन्य लोगों ने स्कूल की स्टेज पर पंचायत की। जिसमें दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया। दिन भर चले घटनाक्रम के चलते दोपहर दो बजे तक किसी भी टीचर ने क्लाश नहीं ली। बच्चे भी अपनी-अपनी कक्षाओं में बैठकर सारा नजारा देख रहे थे।
स्कूल में कार्यरत टीचर सुरेंद्र, सुनीला, सुशीला, रोहताश और सतीश नरवाल ने प्राचार्य पर आरोप लगाया कि प्राचार्य मेहर सिंह खोखर बेवजह तंग करता है। निर्धारित समय से पांच मिनट लेट होने पर अभद्र व्यवहार करना शुरू कर देता है । उस समय वह यह भी नहीं देखते कि वहां पर छात्र भी खड़े हुए है या नहीं। महिला टीचरों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। उनका कहना है कि यह एक दिन की बात नहीं है, आए दिन ऐसा ही व्यवहार उनके द्वारा किया जाता है। हर बात में हस्तक्षेप के कारण सभी टीचर मानसिक रूप से परेशान रहते हैं। इसकी शिकायत आला अधिकारियों को भी की जा चुकी है।
मामले की जांच की जाएगी
"टीचरों ने रिवाल्वर दिखाने की बात कही थी। जिसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। दोनों पक्षों के बीच आपसी विवाद था। जिनके बीच समझौता करा दिया गया था।''--कुलदीप देशवाल, प्रभारी थाना सदर, गोहाना।
प्राचार्य और टीचरों का आपसी विवाद था
"सुबह सूचना मिली थी। जिसकी सूचना एसडीएम और पुलिस को दे दी थी। वहीं स्थिति को काबू करने के लिए बीईओ को भी भेजा था। प्राचार्य और टीचरों का आपसी विवाद था। जिसे सुलझाकर कक्षाएं लगवा दी थी।''--परमेश्वरी दवी, डीईओ, सोनीपत।
पूरे दिन लगे मात्र दो पीरियड
विवाद का सबसे अधिक नुकसान छात्रों को हुआ। सुबह ही विवाद होने के कारण मात्र दो पीरियड़ भी पढ़ाई नहीं हो सकी। उसके बाद विवाद होने के पर सभी टीचर क्लाश छोड़कर चले गए। दिन भर छात्र कक्षा में बैठकर टीचर के आने का इंतजार करते रहें, लेकिन टीचर अपने-अपने विवाद में उलझे रहे। छात्र भी क्लास से बाहर आ गए। दिन भर यही स्थिति चली रही।
सेवानिवृत्त के बाद मिली हुई एक्सटेंशन :
स्कूल के प्राचार्य मेहर सिंह खोखर ने वर्ष 2009 में स्कूल में ज्वाइन किया था। जून 2013 में सेवानिवृत्त हो गए थे। बाद में विभाग ने उन्हें मार्च 2014 तक एक्सटेंशन दी है। अब दो माह शेष है। टीचरों का आरोप है कि जब से उन्होंने स्कूल में ज्वाइन किया है, तभी से टीचरों को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
नहीं सहन होगी लेट लतीफी
"स्कूल में अनुशासन बना रहे, हमेशा से ही यही प्रयास रहा है। जब उन्होंने स्कूल में ज्वाइन किया था तो सभी टीचरों को समय पर स्कूल आने संबंधी निर्देश दिए थे। साथ ही हिदायद भी दी थी कि लेट लतीफी कदापि सहन नहीं होगी। यदि टीचर लेट आते हैं तो इसका सीधे रूप से प्रभावित छात्र होते हैं। उन्होंने किसी भी टीचर को धमकी नहीं दी है।''--मेहर सिंह खोखर, प्राचार्य।
गांव के सरपंच प्रकाश, जयपाल मान, वेदपाल का कहना है कि इससे पहले भी प्राचार्य और टीचरों के बीच विवाद हो चुका है। जिसके चलते पुलिस भी आ चुकी है। विवाद का स्थाई समाधान न होने का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। आज भी स्कूल में कक्षाएं नहीं लगी। परीक्षा नजदीक आ रही है। ऐसे में बच्चों के लिए एक-एक दिन कीमती है। टीचरों को आपसी विवाद छोड़कर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। जिससे भविष्य में ऐसे विवाद के चलते पढ़ाई बाधित न हो सके। db
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