फरीदाबाद : शिक्षा अधिनियम की धारा 134ए के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले स्कूलों में गाज गिर सकती है। ऐसे करीब 506 स्कूलों को मान्यता रद्द करने से संबंधित नोटिस थमा दिया गया है। दो बार सचेत करने के बाद भी स्कूल ऑनलाइन जानकारी नहीं दे रहे थे। अब विभाग ने नोटिस जारी कर सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं।
नोटिस देकर स्कूल संचालकों से पूछा गया है कि आखिर क्यूं न मान्यता रद्द कर दी जाए। स्कूलों से छात्रों व अध्यापकों की संख्या, खेल मैदान, लाइब्रेरी सहित मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ऑनलाइन मांगी गई थी। नोटिस के अनुसार अगर तीन दिन के अंदर ऑनलाइन जानकारी से विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई, तो कठोर कार्रवाई होगी।
यही नहीं अगर स्कूल प्रशासन ऑनलाइन जानकारी से अवगत करा रहा है, तो उसे यह भी स्पष्टीकरण देना होगा कि उसने अभी तक इस आदेश का पालन किस वजह से नहीं किया था। सभी निजी स्कूलों से 31 दिसंबर तक 134 ए के तहत ऑनलाइन रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन जिले के एक भी निजी स्कूल ने अपनी जानकारी शिक्षा निदेशालय की साइट पर नहीं भेजा है। ऐसे में दोबारा भी इसी स्थिति को दोहराया गया है।
"जिले के 506 स्कूलों को नोटिस दिया गया है। इन्हें शुक्रवार तक का समय दिया गया था। स्कूलों को ऑनलाइन सभी जानकारी उपलब्ध करानी होगी।"--राजीव कुमार अरोड़ा, जिला शिक्षा अधिकारी
यह है आदेश
हाल में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में प्रदेश सरकार के उस नियम को जायज ठहराया था, जिसमें हरियाणा एजुकेशन एक्ट 2003, 134 ए के तहत 10 फीसदी आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में दाखिला देना था। ऐसे में इस आदेश का प्रत्येक निजी स्कूलों को पालन अनिवार्य किया गया है। ऐसे में हरी झंडी मिलने के बाद सरकार के निर्देश पर सभी निजी स्कूलों में इसका पालन कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। db
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