रोहतक : पंडित बीडी शर्मा हेल्थ विश्वविद्यालय में बीएएमएस की रि-अपीयर परीक्षा में वार्षिक परीक्षा वाला प्रश्न पत्र ज्यों का त्यों थमाने के मामले के बाद विवि प्रशासन हरकत में आ गया है। 4 जनवरी को हुई द्रव्य गुण विज्ञान (द्वितीय) की रि-अपीयर परीक्षा को अमान्य घोषित करते हुए आनन-फानन में उक्त विषय का पेपर दोबारा कराने का फैसला लिया गया है। चूक किस स्तर पर हुई, इसकी जांच के लिए कमेटी गठित करने की तैयारी भी कर ली गई है। दोबारा परीक्षा कब ली जाएगी, इसकी तारीख आज निर्धारित की जाएगी।
ये है मामला :
पंडित बीडी शर्मा हेल्थ विवि प्रशासन की लापरवाही के चलते बीएएमएस सेकेंड प्रोफ के द्रव्यगुण विज्ञान (द्वितीय) की रि-अपीयर परीक्षा में विद्यार्थियों को वही पेपर थमा दिया गया, जो उन्हें वार्षिक परीक्षा में दिया गया था। जून में हुई वार्षिक परीक्षा में पेपर का नंबर जून 2013/1325 था। 4 जनवरी को हुई इस विषय की रि-अपीयर परीक्षा में सिर्फ जून के स्थान पर दिसंबर लिख दिया गया, जबकि पेपर के प्रश्न और उनका क्रम बिल्कुल वार्षिक परीक्षा के पेपर की तरह ही था।
परीक्षा संपन्न हो गई, लेकिन गड़बड़झाले पर न तो पंडित बी डी शर्मा हेल्थ विवि प्रशासन की नजर पड़ी और न ही विवि से संबद्ध कालेजों ने इस पर कोई ध्यान दिया। बुधवार को दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने पर लापरवाही उजागर हुई।
इनको देनी होगी दोबारा परीक्षा
गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक कॉलेज रोहतक, श्री कृष्णा गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज कुरुक्षेत्र, श्री डीएल आयुर्वेदिक कॉलेज जगाधरी, एमएलआर आयुर्वेदिक कॉलेज चरखी दादरी और आर्युज्योति आयुर्वेदिक कॉलेज (सिरसा) पंडित बी डी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। इन कॉलेजों के बीएएमएस सेकेंड प्रोफ के स्टूडेंट्स को द्रव्यगुण विज्ञान (द्वितीय) की रि-अपीयर परीक्षा दोबारा देनी होगी।
आज वेबसाइट पर डाल दी जाएगी सूचना
डॉ.संजय कुमार ने बताया कि जांच बैठाने और उक्त विषय की परीक्षा दोबारा से कराने के लिए उनकी तरफ से सभी आदेश तैयार कर लिए गए हैं। वीसी के बाहर होने के कारण आदेशों पर उनके हस्ताक्षर नहीं हो सके। वीसी से अनुमति के बाद गुरुवार शाम तक पेपर से जुड़ी सभी जानकारी विवि की वेबसाइट पर डाल दी जाएगी।
जांच में ये बिंदु खास...
विवि प्रशासन का कहना है कि पुराना पेपर बांट दिए जाने में सिर्फ इसके लिए नियत अधिकारी द्वारा चूक हुई है, जो किसी से भी हो सकती है। लेकिन मामले में जांच का विषय यह है कि परीक्षकों ने जो पेपर तैयार किया, वह कहां गायब हो गया। पुरानी डेट का पेपर बंट जाता तो शायद गलती मान ली जाती, लेकिन पुराने पेपर में जून की जगह दिसंबर किया गया, जो चूक नहीं, बल्कि जानबूझकर उठाया गया कदम या फिर कोई घपला है। बहरहाल, सच्चाई क्या है, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा।
मामला सही, दोबारा होगी परीक्षा
स्वास्थ्य विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि जांच में मामला सही पाया गया है। रि-अपीयर परीक्षा में वही पेपर दिया गया, जो वार्षिक परीक्षा में दिया गया था। पुराना पेपर कैसे बंटा? लापरवाही किस स्तर पर हुई? इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। बीएएमएस सेकेंड प्रोफ के द्रव्यगुण विज्ञान(द्वितीय) की रि-अपीयर परीक्षा का पेपर दोबारा से होगा। db
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