झज्जर : वर्षों के इंतजार के बाद जब नौकरी मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। विभाग में जब ज्वाइनिंग देने गये तो चयनित उम्मीदवारों ने खुद को ठगा सा महसूस किया। वहां जाकर पता चला कि जिस यूनिवर्सिटी से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की है उसे शिक्षक भर्ती बोर्ड मानने से इनकार कर रहा है। यह एक नहीं करीब एक हजार उम्मीदवारों के साथ हुआ है। इन उम्मीदवारों ने जेआरएन विद्यापीठ, उदयपुर, आईएएसई विश्वविद्यालय, राजस्थान, बंगलौर व विनायक यूनिवर्सिटी से पीजी की थी। दरअसल कुछ दिन पहले ही हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड ने पीजीटी की रिजल्ट निकाला था और सफल उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग लेटर भेजे थे।
नहीं मिल रही राहत :
प्रभावित उम्मीदवार शिक्षामंत्री और सांसद से भी मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है। जबकि विभाग ने अन्य विश्वविद्यालयों से चयनित उन शिक्षकों की काउंसिलिंग करवाकर स्टेशन भी दे दिए हैं। शिक्षा विभाग ने 18 जनवरी को एक नोटिस जारी करके उन शिक्षकों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया था जिन्हें जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय में ज्वाइन करवाया गया था। रविवार और आज सोमवार को काउंसिलिंग हुई। इस नोटिस के साथ यह भी लिखा गया था कि वे चयनित शिक्षक काउंसिलिंग पर नहीं आए जिन्होंने जेआरएन विद्यापीठ, उदयपुर, आईएएसई विश्वविद्यालय, राजस्थान, बंगलौर व विनायक यूनिवर्सिटी से पीजी की है। इसी से इन शिक्षकों की आशाओं पर पूरी तरह से पानी फिर गया।
एक केस के कारण लटकें हैं शिक्षक :
पीयूष ने बताया कि विभाग सुप्रीम कोर्ट के एक केस का हवाला देते हुए उन्हें ज्वाइनिंग से दूर रख रहा है।
शिक्षा भर्ती बोर्ड पर उठे सवाल
भर्ती प्रक्रिया की बात की जाए तो अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के समय पर अपने एकेडेमिक रिकार्ड की जांच भी करानी होती है। यह प्रक्रिया पूरी की भी गई। उसके बाद परिणाम घोषित होता है। जिसके बाद चयनित व्यक्ति को पुलिस जांच व मेडिकल जांच से भी गुजरना पड़ता है। इन 4 विश्व विद्यालयों से स्नातकोत्तर करने वाले पीयूष हरित सवाल उठाते हैं यदि बोर्ड ने उन्हें चयनित किया है तो क्या उनका चयन गलत किया है। बोर्ड के नियमानुसार विभाग ने बोर्ड को नियमों से अवगत नहीं कराया था क्या?
‘हां, मामला ध्यान में है। एचपीएससी की 2011 की भर्ती के भी 17 आवेदक नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि विभाग ने इन विश्वविद्यालयों से पीजी करने वालों को पदोन्नति तो दी है,फिर इनके मामले में क्या दिक्कत है। इसकी जांच कराई जायेगी।’— गीता भुक्कल, शिक्षामंत्री
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