चंडीगढ़ : हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आरोप है कि अदालत के आदेश के बावजूद निजी स्कूलों की फीस जांच के लिए गठित कमेटी को अभी तक न तो कोई सुविधा दी गई है और न ही आफिस के लिए कार्यालय।
कमेटी की चेयरपर्सन और हाई कोर्ट की सेवानिवृत जज किरण आनंद लाल ने इस संबंध में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। इसके मुताबिक नवंबर में हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 15 दिन में कमेटी को सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया था। लेकिन कमेटी को अभी तक जांच के दौरान मिलने वाली राशि तक नहीं मिली है। चीफ जस्टिस संजय किशन कौल पर आधारित खंडपीठ ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
उधर, मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों व स्कूलों की फीस तय करने के लिए सरकार एक नियामक संस्था बनाने जा रही है। इस बाबत कानूनी और विधायी कार्य विभाग से तकनीकी बिंदु पर सलाह मिल चुकी है। इसे जल्द ही विधानसभा में पेश कर दिया जाएगा। इससे शिक्षा के बुनियादी ढांचे में काफी सुधार होगा। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.