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Friday, 24 January 2014

एचटेट परीक्षा केंद्र नजदीक बनाने के लिए 30 तक का अल्टीमेटम

** 1-2 फरवरी को है परीक्षा 
** 3.98 लाख से ज्यादा हैं प्रतिभागी 
** 100 से 250 किलोमीटर दूरी पर बना दिए हैं सेंटर 
** महिलाओं को आएगी ज्यादा परेशानी, बसों में रहेगी भीड़ 
** कांग्रेसी नेताओं ने कहा- स्कूल शिक्षा बोर्ड ने ठीक नहीं किया 
** भाजपा-इनसो का सड़क पर उतरने का ऐलान 31 को करेंगे राज्यव्यापी प्रदर्शन 
रेवाड़ी : हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से फरवरी में ली जाने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के सेंटर दूरदराज देने पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर 30 जनवरी तक परीक्षा केंद्र नजदीकी जिलों में नहीं दिए गए तो 31 जनवरी को राज्यव्यापी प्रदर्शन होगा। इनेलो की छात्र विंग, इनसो ने भी जिलास्तर पर धरना-प्रदर्शन का फैसला लिया है। उधर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के बाद अब बिजली मंत्री कैप्टन अजय यादव ने भी परीक्षा केंद्र को लेकर बोर्ड की पॉलिसी की आलोचना की है। 
1-2 फरवरी को होने वाली एचटेट परीक्षा में 3 लाख 98 हजार 406 युवा भाग लेंगे जिसमें से करीब 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। इनमें से 15 हजार से ज्यादा महिलाएं ऐसी हैं जिनके छह माह से लेकर तीन साल तक के बच्चे हैं। दो दिन पहले जारी रोल नंबर में परीक्षा केंद्र 100 से 250 किमी दूर अलॉट किए गए हैं। मसलन रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ वालों के परीक्षा देने के लिए हिसार-फतेहाबाद जाना होगा तो फतेहाबाद-सिरसा व हिसार के युवा रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ आएंगे। अमूमन यही स्थिति अन्य जिलों के युवाओं के लिए है। 
नेट के लिए भी सेंटर नजदीक
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने भी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में बैठने वाले लाखों युवाओं की सुविधा के लिए बीते दो बरसों के दौरान राज्य को गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी (जीजेयू) हिसार और महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) रोहतक को परीक्षा केंद्र बनाने की अनुमति दे दी। इससे पहले युवाओं को परीक्षा के लिए दिल्ली-जयपुर या अन्य दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ता था। 
सीटेट 16 को, नजदीक बनाए गए हैं परीक्षा केंद
एचटेट से एकदम उलट 16 फरवरी को राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) में आवेदन करने वाले युवाओं के लिए उनके नजदीकी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही युवाओं को यह मौका भी दिया गया है कि वह अपनी सुविधा के हिसाब से परीक्षा केंद्र चुन सकता है। सीटेट के लिए भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि राज्य के अम्बाला, फरीदाबाद, गुडग़ांव, हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र व रोहतक जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जहां आसपास के तीन-चार जिलों के युवा आसानी से पहुंच सकते हैं।
सभी दल एकराय, 4 लाख वोटरों का मुद्दा जो ठहरा 
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुखिया महिलाओं के सम्मान में रक्षाबंधन पर रोडवेज में मुफ्त सफर की सुविधा देते हैं और दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी 250 किमी दूर परीक्षा केंद्र देकर महिलाओं के लिए समस्याएं खड़ी करते हैं। ऐसा बीते पांच बरसों से चल रहा है। सरकार को भी इसकी जानकारी है। ऐसे में इस सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। 
सांसद राव इंद्रजीत सिंह के इंसाफ मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि हुड्डा सरकार की असलियत सामने आ चुकी है। बेरोजगार युवाओं से फिर छल किया गया है। अगर बोर्ड ने अपनी गलती सुधारते हुए 26 जनवरी तक परीक्षा केंद्रों में बदलाव नहीं किया तो मंच के कार्यकर्ता जिला सचिवालय पर धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे। 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जसवंत सिंह बावल ने कहा कि परीक्षा केंद्र दूर देने का यह नया मामला नहीं है। पिछली बार भी ऐसा हुआ था जिस पर खूब हल्ला मचा। हमें उम्मीद थी कि इस बार बोर्ड युवाओं की समस्याओं पर गौर करेगा लेकिन उसने कोई सबक नहीं लिया। वह इस बारे में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के समक्ष आपत्ति दर्ज कराएंगे क्योंकि बोर्ड की इस मनमानी से युवाओं में रोष है। 
कांग्रेस नेता एवं शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के बाद बिजली मंत्री कैप्टन अजय यादव ने भी परीक्षा केंद्र दूर-दराज देने की आलोचना की है। कैप्टन ने कहा कि परीक्षाएं युवाओं को परेशान करने के लिए नहीं बल्कि उनकी योग्यता को परिभाषित करने के लिए ली जाती हैं। बोर्ड अधिकारियों को ये अच्छी तरह पता है कि इस परीक्षा में हजारों महिलाएं भी बैठती हैं इसके बावजूद 250 किमी दूर परीक्षा केंद्र बनाना ठीक नहीं है। इससे सरकार की छवि खराब होती है। इस बारे में वे मुख्यमंत्री से शिकायत दर्ज करवाएंगे। 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा का कहना है कि सरकार इस परीक्षा के बहाने युवाओं को हतोत्साहित करना चाहती है ताकि वे भविष्य में नौकरी के लिए आवेदन करने की हिम्मत न जुटा सके। परीक्षा केंद्र बनाने से पहले शिक्षा बोर्ड के अफसरों को देखना चाहिए था कि कई जिलों के बीच ट्रेन व रोडवेज की सीधी सर्विस नहीं है। सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए। अगर बोर्ड ने 30 जनवरी तक परीक्षा केंद्र नजदीकी जिलों में नहीं दिए 31 को भाजपा प्रदेश व्यापी प्रदर्शन करेगी।                                 db


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